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भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में गिराए पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमान, नौ आतंकी ठिकानों पर हमला

Updated on: 10 August, 2025 05:38 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

बेंगलुरु में एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए, वायुसेना प्रमुख ने उपग्रह चित्र और खुफिया जानकारी प्रस्तुत की, जिससे इस अभियान के पैमाने और सटीकता की पुष्टि हुई.

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह. फ़ाइल चित्र/X

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह. फ़ाइल चित्र/X

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने खुलासा किया कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के सटीक सैन्य जवाबी अभियान, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान छह पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया, जिनमें पाँच लड़ाकू विमान और एक उच्च-मूल्य वाला निगरानी विमान शामिल था. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार  बेंगलुरु में एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए, वायुसेना प्रमुख ने उपग्रह चित्र और खुफिया जानकारी प्रस्तुत की, जिससे इस अभियान के पैमाने और सटीकता की पुष्टि हुई. यह अभियान 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. उन्होंने कहा, "हमने पाँच लड़ाकू विमानों को मार गिराया है और एक बड़े विमान, संभवतः एक ELINT या AEW&C प्लेटफ़ॉर्म, को लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर मार गिराया है - जो अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा में मार करने वाला रिकॉर्ड है."

रिपोर्ट के मुताबिक सिंह ने जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मुख्यालय बहावलपुर सहित लक्ष्यों पर हमलों की उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें दिखाईं. उन्होंने आगे कहा, "आसपास की इमारतों को कोई नुकसान नहीं पहुँचा है. ये सटीक और सटीक हमले थे." रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया और 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए.


भारतीय वायुसेना ने न्यूनतम नागरिक जोखिम के साथ उच्च प्रभाव वाले हमलों के लिए हवा से प्रक्षेपित क्रूज़ मिसाइलों, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों, वास्तविक समय निगरानी और मंडराते हथियारों का इस्तेमाल किया. रेपर्ट के अनुसार  इस अभियान का एक प्रमुख आकर्षण एस-400 वायु रक्षा प्रणाली का प्रदर्शन था, जिसे वायुसेना प्रमुख ने दुश्मन के विमानों को दूर रखने में "गेम-चेंजर" बताया. समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, "एस-400 की व्यापक पहुँच के कारण पाकिस्तान अपने लंबी दूरी के ग्लाइड बमों का इस्तेमाल नहीं कर पाया."


भोलारी और रहीम यार खान सहित पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर भी सटीक हमले किए गए, जिनमें आतंकी ढाँचे और सैन्य संपत्ति दोनों को निशाना बनाया गया. उपग्रह डेटा, इलेक्ट्रॉनिक इंटरसेप्ट और मीडिया रिपोर्टों ने नुकसान की सीमा की पुष्टि करने में मदद की. रिपोर्ट के मुताबिक  इस अभियान ने थलसेना और नौसेना के समन्वित सहयोग से भारत के तीनों सेनाओं के एकीकरण को भी प्रदर्शित किया. ब्रह्मोस मिसाइलों, ड्रोन और अन्य उन्नत उपकरणों के इस्तेमाल ने चार दिनों तक चले इस अभियान के दौरान सामरिक प्रभुत्व सुनिश्चित किया, जिसके कारण पाकिस्तान ने कथित तौर पर युद्धविराम की मांग की.एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर केवल जवाबी कार्रवाई नहीं थी. यह सटीकता, व्यावसायिकता और रणनीतिक उद्देश्य पर आधारित था. यह भारत के निवारक सिद्धांत के विकास को दर्शाता है."


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