Updated on: 06 January, 2024 04:25 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
भगवान राम पर विवादित टिप्पणी करने वाले शरद पवार गुट के एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ शिकायत हुई दर्ज.
Jitendra Awhad apologize on Ram comment
Jitendra Awhad: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड पर भगवान राम के संबंध में विवादास्पद टिप्पणियों के बाद मुंबई के एक पुलिस स्टेशन में औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज हुई है. इसकी पुष्टि शुक्रवार को पुलिस ने की है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, आव्हाड को अपने उस बयान के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 (ए) के तहत आरोपों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि `भगवान राम मांसाहारी थे, जिससे आक्रोश पैदा हुआ` इस विधान के बाद एमआईडीसी पुलिस में मामला दर्ज किया गया.
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बुधवार को शिरडी में एक कार्यक्रम के दौरान राकांपा विधायक ने कहा कि आम धारणा के विपरीत, भगवान राम `बहुजन` (बहुसंख्यक) के थे और मांसाहारी भोजन करते थे. आव्हाड ने बुधवार को शिरडी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- `भगवान राम हमारे हैं. वह बहुजनों के हैं. भगवान राम, जो शिकार करते थे और उसे खाते थे, वे हमारे हैं, हम बहुजनों के हैं. कुछ लोग हमें शाकाहारी बताते हैं. लेकिन हम भगवान राम के आदर्शों का पालन करते हैं और आज भी हम मटन खाते. यह भगवान राम के आदर्शों के अनुरूप है. वह (भगवान राम) शाकाहारी नहीं थे, वह मांसाहारी थे.`
गुरुवार को, आव्हाड ने आईआईटी कानपुर द्वारा आयोजित वाल्मिकी रामायण पर एक शोध पत्र का हवाला देकर अपने दावे का समर्थन करने का प्रयास किया. उन्होंने इस बात पर जोर देने का प्रयास किया कि उनका दृष्टिकोण पुराने धर्मग्रंथ की `वास्तविक` प्रस्तुति पर आधारित था, न कि उनकी व्याख्या पर.` विवाद बढ़ता हुए देख आव्हाड ने माफी मांगी और कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणी वाल्मिकी रामायण की सामग्री पर आधारित की है, और अपनी स्थिति का समर्थन करने के लिए पाठ से छंदों को स्पष्ट रूप से उद्धृत किया है.
उन्होंने माफ़ी मांगते हुए कहा- `मैं आपको बता रहा हूं कि मैंने अपने मन से कोई व्याख्या या विचार नहीं लाया. मैंने अपना कोई विचार शामिल नहीं किया. मैंने अपनी राय वाल्मिकी रामायण में जो कुछ भी लिखा है, उसके आधार पर बनाया. अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं. मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता था.`
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, एनसीपी नेता ने अपनी स्थिति दोहराते हुए इस बात पर जोर दिया कि उनके शब्द उन सिद्धांतों पर आधारित थे जिनका वे पालन करते हैं लेकिन उनका भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. एनसीपी नेता के हवाले से कहा गया था कि `वाल्मीकि रामायण के छह खंड हैं. अयोध्या खंड का 120वां श्लोक क्या कहता है? मेरी टिप्पणियाँ बाल्मीकि रामायण के छंदों पर आधारित थीं. कृपया वाल्मिकी रामायण पढ़ें और आप स्वयं जान जाएंगे.` मेरे पास रामायण का एक प्रामाणिक संस्करण है. जो अठारह सौ साल पहले लिखी गई थी. यह किताब साल 1891 में कोलकाता में छपी थी. आईआईटी कानपुर ने इस पर एक शोध पत्र भी प्रकाशित किया है मैंने जो कहा वह पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में है.`
इस बीच, भाजपा विधायक राम कदम ने मुंबई में आव्हाड के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसमें विवादित शब्दों पर आश्चर्य व्यक्त किया. भगवान राम और भक्तों की संवेदनाओं के प्रति अनादर का दावा किया. कदम ने कहा- `राम भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना उनकी मानसिकता है. हालांकि, अगर वे वोट के लिए हमारे सनातन धर्म का मजाक उड़ाएंगे तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सपना साकार होता नहीं दिख रहा है.`
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