Updated on: 14 July, 2024 04:59 PM IST | Mumbai
Ranjeet Jadhav
तेंदुए का अभी इलाज चल रहा है. महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड सबस्टेशन कार्यालय के कर्मचारी उस समय हैरान रह गए जब उन्होंने संपत्ति पर एक तेंदुआ देखा.
तेंदुए का फिलहाल इलाज चल रहा है
वन्यजीव एसओएस और महाराष्ट्र वन विभाग ने समन्वित बचाव अभियान के तहत पुणे के पास खेड़ वन क्षेत्र में महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड (एमएसईबी) सबस्टेशन कार्यालय से 3 वर्षीय मादा तेंदुए को सफलतापूर्वक बचाया. तेंदुए का अभी इलाज चल रहा है. महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड सबस्टेशन कार्यालय के कर्मचारी उस समय हैरान रह गए जब उन्होंने संपत्ति पर एक तेंदुआ देखा. उन्होंने जानवर को रोकने के लिए तुरंत प्रवेश द्वार बंद कर दिया और आपातकालीन सहायता के लिए वन विभाग को बुलाया.
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लगभग 2.5 घंटे तक चले बचाव अभियान में जानवर और बचाव दल दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेंदुए को बेहोश करना शामिल था. जांच करने पर पता चला कि तेंदुए को चोटें आई हैं और वर्तमान में उसे पशु चिकित्सा देखभाल मिल रही है. वन्यजीव एसओएस के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अविनाश विसालकर ने कहा, "तेंदुए को आवश्यक उपचार मिल रहा है जिससे वह पूरी तरह ठीक हो जाएगी. उसकी स्थिति का आकलन करने के लिए हमें कुछ समय तक उसे ध्यान से देखना होगा."
जुन्नार डिवीजन के सहायक वन संरक्षक संदेश पाटिल ने कहा, "इस मादा तेंदुए का बचाव संभावित नकारात्मक मानव-तेंदुए मुठभेड़ों को रोकने में ठोस प्रयासों के महत्व को दर्शाता है. हम वन विभाग के अधिकारियों और वन्यजीव एसओएस के समर्पित प्रयासों की सराहना करते हैं, जिन्होंने बिल्ली को सहायता प्रदान की."
वन्यजीव एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, "इस तरह की घटनाएं बड़ी बिल्लियों और बढ़ते मानव बुनियादी ढांचे के बीच बढ़ते संघर्ष को रेखांकित करती हैं. यह महत्वपूर्ण है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखें कि इस तेंदुए जैसे जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक आवासों में रहने के लिए सुरक्षित स्थान मिले."
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