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हत्या में तीसरे और बलात्कार में चौथे स्थान पर हैं ये राज्य

Updated on: 05 December, 2023 08:30 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र में 2022 में दंगों के 8,218 मामले दर्ज किए गए हैं, जो इस साल देश में सबसे ज्यादा हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत आपराधिक मामले दर्ज करने में उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है.

 हत्या में तीसरे और बलात्कार में चौथे स्थान पर हैं ये राज्य

हत्या में तीसरे और बलात्कार में चौथे स्थान पर हैं ये राज्य

Maharashtra tops country in rioting cases in 2022: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा चौकाने वाले आंकड़ें जारी किए है. इसके अनुसार, महाराष्ट्र में 2022 में दंगों के 8,218 मामले दर्ज किए गए हैं, जो इस साल देश में सबसे ज्यादा हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत आपराधिक मामले दर्ज करने में उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है. जारी आंकड़ों में स्पष्ट किया गया है कि राज्य 2022 में उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद हत्या के मामलों में तीसरे स्थान पर था. राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाद बलात्कार के मामलों में चौथे स्थान पर था.

रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में साल 2022 में कुल 3,74,038 आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि साल 2021 में 3,67,218 और साल 2020 में 3,94,017 मामले सामने आए है. उत्तर प्रदेश में साल 2022 में 4,01,787 मामले दर्ज किए गए, जोकि इस साल देश में सबसे अधिक है. आपको जानकर हैरानी होगी कि, पिछले साल महाराष्ट्र में दंगे के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामले आईपीसी की धारा 147 से 151 के तहत दर्ज किए गए थे. आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में कुल 8,218 दंगे के मामले दर्ज किए गए, जिनमें 9,558 लोग पीड़ित थे.
 
एनसीआरबी ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि राज्य में साल 2022 में बलात्कार की 2,904 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि राजस्थान 5,399 मामले सामने आए है, जोकि हैरान करने वाले है. इसके साथ उत्तर प्रदेश में 3,690 और मध्य प्रदेश में 3,029 मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में महाराष्ट्र में आईपीसी की धारा 354 के तहत महिलाओं पर हमले के 5,209 मामले दर्ज किए गए, जबकि धारा 354 (ए) के तहत यौन उत्पीड़न की 2,946 घटनाएं दर्ज की गईं. उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न के मामलों में से 46 मामले कार्य कार्यालय परिसर में उत्पीड़न के रूप में दर्ज किए गए.


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