Updated on: 11 August, 2025 04:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 पेश करते हुए, सीतारमण ने कहा कि यह विधेयक आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बोलती हुईं. तस्वीर/पीटीआई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में "प्रवर समिति की लगभग सभी सिफारिशों" को शामिल करते हुए संशोधित आयकर विधेयक पेश किया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 पेश करते हुए, सीतारमण ने कहा कि यह विधेयक आयकर से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने का प्रयास करता है और आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा.
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रिपोर्ट के मुताबिक पेश हुए संशोधित आयकर विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण में कहा गया है, "प्रवर समिति की लगभग सभी सिफारिशों को सरकार ने स्वीकार कर लिया है. इसके अलावा, हितधारकों से ऐसे बदलावों के बारे में सुझाव प्राप्त हुए हैं जो प्रस्तावित कानूनी अर्थ को और अधिक सटीक रूप से व्यक्त करेंगे." बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति ने आयकर विधेयक, 2025 में कई बदलावों का सुझाव दिया था, जिसे लोकसभा में पेश किया गया था.
बयान में कहा गया है, "प्रारूपण, वाक्यांशों के संरेखण, परिणामी परिवर्तनों और परस्पर-संदर्भन में सुधार किए गए हैं. सरकार ने आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने का निर्णय लिया है. रिपोर्ट के अनुसार परिणामस्वरूप, आयकर अधिनियम, 1961 के स्थान पर आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 तैयार किया गया है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद भवन के निकट बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए बहुमंजिला फ्लैटों के एक परिसर का उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि 184 टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैटों वाले आवासीय परिसरों में भारत के विभिन्न त्योहार मनाए जाने चाहिए और स्वच्छता के मामले में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग विभिन्न नदियों के नाम पर बने चार टावरों में से एक, कोसी, के नाम को आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से जोड़ सकते हैं, लेकिन वह ऐसे "छोटी सोच" वाले लोगों को बताएँगे कि नदियों के नाम पर टावरों के नाम रखने की परंपरा लोगों को जोड़ती है. तीन अन्य टावरों के नाम कृष्णा, गोदावरी और हुगली हैं.
बयान में कहा गया है कि प्रत्येक आवासीय इकाई आवासीय और आधिकारिक दोनों कार्यों के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करती है. इसमें कहा गया है कि कार्यालयों, कर्मचारियों के आवास और एक सामुदायिक केंद्र के लिए समर्पित क्षेत्रों को शामिल करने से सांसदों को जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में मदद मिलेगी. परिसर के भीतर सभी इमारतों का निर्माण आधुनिक संरचनात्मक डिजाइन मानदंडों के अनुसार भूकंपरोधी बनाया गया है. बयान में कहा गया है कि सभी निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक और मजबूत सुरक्षा प्रणाली लागू की गई है.
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