Updated on: 21 March, 2025 09:10 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
विपक्षी महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और विधान परिषद सभापति राम शिंदे पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन से हस्तक्षेप की मांग की.
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विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और विधान परिषद सभापति राम शिंदे पर विपक्षी महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि दोनों नेता सदन के कामकाज में पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं और विरोधी पक्ष के विधायकों को दबा रहे हैं. इस संबंध में विपक्षी विधायकों ने राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को एक ज्ञापन सौंपकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. विपक्ष का कहना है कि विधानसभा और विधान परिषद के कामकाज में लगातार अव्यवस्था और पक्षपाती रवैया अपनाया जा रहा है, जिससे जनप्रतिनिधियों और विधानसभा की गरिमा को नुकसान पहुंच रहा है.
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आज महाविकास आघाडीच्या आमदारांनी महाराष्ट्राचे माननीय राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन जी ह्यांची भेट घेऊन सरकारकडून विधानसभा आणि विधान परिषदेचा होत असलेला अवमान निदर्शनास आणून दिला.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) March 20, 2025
• काल केवळ विरोधकच नाही, तर सत्ताधारी पक्षातील आमदारांनीही सभागृहात फक्त एकच मंत्री उपस्थित असल्याने… pic.twitter.com/XmN5jgG3TA
शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने इस मुलाकात की जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, "आज महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन जी से मुलाकात की और सरकार द्वारा विधानसभा और विधान परिषद के प्रति दिखाई गई अवमानना की बात उनसे कही." ठाकरे ने कहा कि विपक्ष ने राज्यपाल से न्याय की मांग की और आग्रह किया कि वे जनप्रतिनिधियों की गरिमा की रक्षा करें. उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्दा केवल सत्ता पक्ष और विपक्ष का नहीं, बल्कि यह जनता की आवाज का है.
विपक्ष ने आरोप लगाया कि विधानसभा की कार्यवाही में गंभीर अव्यवस्था हो रही है. कल न केवल विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष के विधायक भी विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाए, क्योंकि सदन में सिर्फ एक मंत्री ही उपस्थित थे. विपक्ष का कहना है कि मंत्री सवालों के जवाब देने में असमर्थ थे, क्योंकि उन्होंने सत्र के लिए कोई तैयारी नहीं की थी. सरकार ने गंभीर जवाब देने के बजाय केवल गुमराह करने का प्रयास किया.
विधान परिषद के कामकाज पर भी विपक्ष ने तानाशाही का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि विपक्ष द्वारा उपराष्ट्रपति के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव पर भी विचार नहीं किया गया. विपक्ष का कहना है कि यह सब सरकार की अव्यवस्थाओं का परिणाम है और इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है.
ज्ञापन देने के दौरान शिवसेना (UBT) के नेता भास्कर जाधव, कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील, शिवसेना विधायक अनिल परब, अजय चौधरी, सुनील राऊत, सुनील शिंदे, सचिन अहिर, कैलास पाटील, बाला नर, मनोज जामसुतकर, वरुण सरदेसाई, जे. एम. अभ्यंकर, कांग्रेस के नाना पटोले, भाई जगताप, प्रवीण स्वामी, अभिजित वंजारी और राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक शशिकांत शिंदे, जितेंद्र आव्हाड, सिद्धार्थ खरात आदि नेता उपस्थित थे.
विपक्ष ने इस गंभीर मुद्दे पर राज्यपाल से त्वरित कार्रवाई की अपील की है, ताकि विधानसभा और विधान परिषद की कार्यवाही में सुधार हो सके और जनप्रतिनिधियों की गरिमा बनी रहे.
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