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अहमदाबाद में रथ यात्रा में हाथियों के उत्पात से दहशत

Updated on: 27 June, 2025 05:54 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

शहर के जमालपुर इलाके में जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को खलासी समुदाय ने सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार बाहर निकाला.

अहमदाबाद में हाथियों का उत्पात. तस्वीर/X

अहमदाबाद में हाथियों का उत्पात. तस्वीर/X

अहमदाबाद में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान शुक्रवार को अफरा-तफरी मच गई, जब हाथियों ने बेकाबू होकर लोगों को कुचल दिया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार भगवान जगन्नाथ की 148वीं रथ यात्रा शुक्रवार सुबह अहमदाबाद में शुरू हुई, जिसमें हजारों श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए शामिल हुए. शहर के जमालपुर इलाके में जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को खलासी समुदाय ने सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार बाहर निकाला. 400 साल पुराने मंदिर से तीन रथों की भव्य शोभायात्रा शुरू हुई और कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों सहित पुराने शहर से होते हुए रात 8 बजे तक वापस लौटने की उम्मीद है.

रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके परिवार के सदस्यों ने जगन्नाथ मंदिर में सुबह की प्रार्थना में भाग लिया, जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने `पहिंद विधि` की, जो सोने की झाड़ू से सड़कों की प्रतीकात्मक सफाई की पारंपरिक रस्म है. जुलूस में आमतौर पर 18 हाथी, 100 ट्रक, `भान-मंडली` (भक्ति समूह) और 30 अखाड़े (स्थानीय व्यायामशालाएँ) शामिल होते हैं, जो दिन भर में 16 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे. कई ट्रकों को अलग-अलग थीम पर झांकी के रूप में सजाया गया है.


पूरे दिन, भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों को श्रद्धांजलि देने के लिए मार्ग के दोनों ओर लाखों भक्तों के इकट्ठा होने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने जुलूस के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. वार्षिक रथ यात्रा की सुरक्षा के लिए शहर में लगभग 23,800 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें 14-15 लाख लोगों के आने की उम्मीद है. एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, भगदड़ जैसी स्थिति को रोकने के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा.


अधिकारियों ने बताया कि पूरे 16 किलोमीटर के मार्ग पर जुलूस के साथ करीब 4,500 सुरक्षाकर्मी चलेंगे, जबकि यातायात प्रबंधन के लिए 1,931 कर्मियों को तैनात किया जाएगा. कई सड़कें सामान्य यातायात के लिए बंद रहेंगी. रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियंत्रण कक्ष से जुड़े 2,872 बॉडी-वॉर्न कैमरों, 41 ड्रोन और विभिन्न स्थानों पर लगाए गए 96 कैमरों और 25 वॉच टावरों का उपयोग करके रथ यात्रा जुलूस पर नजर रखेंगे. विज्ञप्ति में कहा गया है कि 148वीं रथ यात्रा से पहले पुलिस ने सांप्रदायिक एकता और सद्भाव बनाए रखने के उद्देश्य से शांति समितियों की 177 बैठकें, मोहल्ला समितियों की 235 बैठकें, महिला समितियों की 57 बैठकें और विभिन्न धार्मिक नेताओं के साथ 21 बैठकें आयोजित की थीं.


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