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आरबीआई के वर्षगांठ समारोह में बोले पीएम मोदी- `भारत को 10 साल में आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल करनी होगी`

Updated on: 01 April, 2024 03:34 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

उन्होंने ये बयान मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 90वीं वर्षगांठ समारोह में दिया.

आरबीआई की 90वीं वर्षगांठ समारोह में बोलते हुए पीएम मोदी/पीटीआई

आरबीआई की 90वीं वर्षगांठ समारोह में बोलते हुए पीएम मोदी/पीटीआई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश पर वैश्विक मुद्दों के प्रभाव को कम करने के लिए भारत को अगले दशक के भीतर आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल करनी होगी. उन्होंने ये बयान मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 90वीं वर्षगांठ समारोह में दिया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी ने भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया और दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के जून में अपना तीसरा कार्यकाल शुरू होने पर रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे. मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, `हमें भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है.

रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने आगे कहा, "अगले 10 साल का लक्ष्य तय करते समय हमें एक और बात ध्यान में रखनी है. वो है- भारत के युवाओं की आकांक्षाएं. भारत आज दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है. आरबीआई ने इस युवा आकांक्षा को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका." मोदी ने पिछले दशक में बैंकिंग उद्योग में बढ़ती लाभप्रदता और ऋण वृद्धि के लिए सरकार और आरबीआई की प्रशंसा की और उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) 2018 में 11.25 प्रतिशत से नाटकीय रूप से घटकर सितंबर 2023 तक 3 प्रतिशत से भी कम हो गई है.


पीएम मोदी ने आरबीआई के परिवर्तन पर टिप्पणी करते हुए कहा, "परिवर्तन इसलिए हुआ क्योंकि हमारे प्रयासों में ईमानदारी और निरंतरता थी. यह परिवर्तन इसलिए आया है क्योंकि हमारी नीतियां, इरादे और निर्णय स्पष्ट थे. जब इरादे हों स्पष्ट है, तभी नीतियाँ सही होती हैं. जब नीतियाँ सही होती हैं, तो निर्णय भी सही होते हैं. और जब निर्णय सही होते हैं, तो परिणाम भी सही होते हैं." रिपोर्ट के अनुसार प्रधान मंत्री ने इन मील के पत्थर को पूरा करने में आरबीआई की भागीदारी को स्वीकार किया, और कहा कि "ट्विन-बैलेंस शीट" मुद्दे को संभाल लिया गया है और बैंक अब 15 प्रतिशत ऋण वृद्धि देख रहे हैं.


इस बीच, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अगले दशक में स्थिर और मजबूत वित्तीय प्रणाली बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करने में स्थिरता और लचीलेपन के प्रतीक के रूप में आरबीआई के महत्व पर जोर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक समारोह में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी विदेशी असंतुलन और अनिश्चितता से निपटने की भारत की क्षमता को मजबूत करने के लिए आरबीआई के पेशेवर प्रबंधन की प्रशंसा की. उन्होंने बैंकों की बैलेंस शीट की कठिनाइयों को प्रबंधित करने और सरकारी बांड पैदावार को स्थिर करने के लिए केंद्रीय बैंक के काम की सराहना की, जो दोनों अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं.


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