Updated on: 25 April, 2024 05:26 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ``आदर्श आचार संहिता`` (एमसीसी) के कथित उल्लंघन का संज्ञान लिया है.
नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ``आदर्श आचार संहिता`` (एमसीसी) के कथित उल्लंघन का संज्ञान लिया है.
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चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ``आदर्श आचार संहिता`` (एमसीसी) के कथित उल्लंघन का संज्ञान लिया है. बीजेपी और कांग्रेस (Lok sabhaElection 2024) दोनों ने एक-दूसरे के नेताओं पर धर्म, जाति, समुदाय और भाषा के आधार पर नफरत और विभाजन फैलाने का आरोप लगाया. चुनाव आयोग ने बीजेपी-कांग्रेस को नोटिस भेजकर 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक जवाब देने को कहा है.
चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 लागू की और पार्टी अध्यक्षों को जवाबदेह ठहराया. इसके तहत पहले कदम के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी पर लगे आचार संहिता (लोकसभा चुनाव 2024) के उल्लंघन के आरोपों पर क्रमश: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जवाब मांगा गया है. इसने उन्हें 29 अप्रैल तक जवाब देने और उनके स्टार प्रमोटरों को आचार संहिता का पालन करने के लिए कहा है.
राजनीतिक दलों को स्टार प्रचारकों के आचरण की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. चुनाव आयोग (लोकसभा चुनाव 2024) ने कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, खासकर स्टार प्रचारकों के आचरण की प्राथमिक और बढ़ती जिम्मेदारी लेनी होगी. चुनाव आयोग के मुताबिक ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के प्रचार भाषणों के ज्यादा गंभीर परिणाम होते हैं. उन्होंने कहा है कि स्टार प्रचारकों को अपने भाषणों के लिए जिम्मेदार होना होगा लेकिन विवादित भाषणों के मामले में चुनाव आयोग पार्टी नेताओं से हर मुद्दे पर जवाब मांगेगा.
पीएम के बयान पर भेजा नोटिस बांसवाड़ा
दरअसल, बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी ने शिकायत की. राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ``कांग्रेस लोगों की संपत्ति का सर्वे कर उसे घुसपैठियों में बांटने जा रही है.`` कांग्रेस की शिकायत पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस भेजा है. आयोग ने राहुल के भाषण को लेकर बीजेपी को नोटिस भी भेजा है.
हम चुनाव आयोग को नियंत्रित नहीं कर सकते, हमें डेटा के लिए उस पर निर्भर रहना होगा. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों की 100 फीसदी क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने कहा कि हम चुनाव आयोग को नियंत्रित नहीं कर सकते, डेटा के लिए हमें चुनाव आयोग पर निर्भर रहना होगा.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि `हम संदेह के आधार पर आदेश पारित नहीं कर सकते, हम कुछ निश्चित स्पष्टीकरण चाहते हैं. हमारे कुछ प्रश्न थे जिनका उत्तर दे दिया गया है. हम फैसला सुरक्षित रखते हैं.`
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