Updated on: 17 August, 2025 07:15 PM IST | Mumbai
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वैधता पर बड़ा सवाल उठाते हुए वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
X/Pics, Vanchit Bahujan Aaghadi
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने दावा किया है कि चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में गंभीर चूक की है, जिसके कारण लोकतांत्रिक प्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है.
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Tomorrow, on Monday, August 18, 2025, our petition challenging the legitimacy of the Maharashtra Vidhan Sabha elections 2024 will be heard in the Hon’ble Supreme Court of India.
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) August 17, 2025
In our petition, we have raised questions on the non-maintenance of data, which is mandatory under…
प्रकाश आंबेडकर ने रविवार को एक ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार, 18 अगस्त 2025 को सुनवाई होगी. उनकी ओर से दायर याचिका में विशेष रूप से यह मुद्दा उठाया गया है कि चुनाव आयोग ने शाम 6 बजे के बाद डाले गए 76 लाख वोटों का डेटा संरक्षित नहीं किया. चुनाव अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक वोट का पूरा डेटा सुरक्षित रखना अनिवार्य है, लेकिन इस मामले में पारदर्शिता की कमी और लापरवाही देखने को मिली है.
आंबेडकर ने अपने पोस्ट में सवाल उठाया कि इतनी बड़ी संख्या में वोटों का रिकॉर्ड उपलब्ध क्यों नहीं कराया गया? उनका कहना है कि यह सिर्फ एक तकनीकी त्रुटि नहीं बल्कि चुनाव प्रक्रिया की गंभीर विफलता है. इस तरह की चूक से चुनाव की वैधता और विश्वसनीयता दोनों पर गहरा असर पड़ता है.
इससे पहले, आंबेडकर ने बॉम्बे हाईकोर्ट में भी इसी मुद्दे को लेकर याचिका दायर की थी. उस समय हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अब सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर राजनीतिक हलकों में गहन चर्चा चल रही है, क्योंकि इसका असर महाराष्ट्र की राजनीति और विधानसभा की साख पर पड़ सकता है.
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट आंबेडकर की दलीलों को गंभीरता से स्वीकार करता है, तो यह मामला न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर सकता है. वहीं, विपक्षी दल भी इस सुनवाई पर पैनी नजर बनाए हुए हैं.
प्रकाश आंबेडकर का यह कदम उन्हें एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ले आया है. अब 18 अगस्त की सुनवाई यह तय करेगी कि क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वैधता पर कोई बड़ा फैसला होगा या फिर यह मामला केवल बहस तक सीमित रह जाएगा.
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