Updated on: 09 February, 2025 02:01 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
Shradha Walkar Murder Case: श्रद्धा वालकर के पिता विकास वालकर का मुंबई के वसई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. बेटी की नृशंस हत्या के बाद से वे लगातार न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे.
बेटी की नृशंस हत्या के बाद से वे लगातार न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन मुकदमे के बीच ही उनका अचानक निधन परिवार के लिए एक और बड़ा आघात साबित हुआ.
मुंबई के वसई में रविवार को श्रद्धा वालकर के पिता विकास वालकर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. बेटी की नृशंस हत्या के बाद से वे लगातार न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन मुकदमे के बीच ही उनका अचानक दुनिया से चले जाना परिवार के लिए एक और गहरा आघात साबित हुआ.
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श्रद्धा वालकर, जिनकी 18 मई 2022 को दिल्ली के महरौली में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, का मामला पूरे देश को झकझोर देने वाला था. उनकी हत्या उनके ही प्रेमी और लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने की थी, जिसने शव के 35 टुकड़े कर फ्रीजर में रख दिए थे और बाद में अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया था. यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बना और न्याय की उम्मीद में विकास वालकर पूरी ताकत से कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे.
लेकिन, बेटी के लिए न्याय की यह लड़ाई उनके दिल और मन पर भारी पड़ गई. लगातार कानूनी प्रक्रिया, कोर्ट की सुनवाई और बेटी के दर्दनाक अतीत से जूझते हुए विकास वालकर मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होते चले गए.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
विकास वालकर अपने परिवार के साथ मुंबई के वसई में रहते थे. श्रद्धा की हत्या के बाद से ही पूरा परिवार गहरे सदमे में था, लेकिन विकास वालकर ने खुद को मजबूत रखा और न्याय की हर कोशिश में आगे रहे. उनकी मृत्यु से परिवार और अधिक टूट चुका है.
क्या रुकेगी श्रद्धा के लिए न्याय की लड़ाई?
श्रद्धा वालकर मर्डर केस अभी भी कोर्ट में लंबित है. विकास वालकर की मृत्यु से यह सवाल उठने लगा है कि अब आगे यह केस कैसे लड़ा जाएगा. हालांकि, उनके परिवार और वकील ने साफ किया है कि न्याय की यह लड़ाई रुकेगी नहीं.
श्रद्धा मर्डर केस: देश को झकझोर देने वाला अपराध
श्रद्धा की हत्या ने देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे. आफताब पूनावाला ने जिस क्रूरता से इस अपराध को अंजाम दिया, वह समाज में छिपे खतरों को उजागर करता है. इस घटना के बाद लिव-इन रिलेशनशिप और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बहस तेज हो गई थी.
विकास वालकर की मौत: दर्दनाक न्याय यात्रा का अंत
बेटी की नृशंस हत्या के बाद न्याय की राह पर अकेले संघर्ष कर रहे विकास वालकर के लिए यह जंग बेहद कठिन थी. दुख, गुस्सा और कानून की पेचीदगियों से जूझते हुए उन्होंने आखिरकार दम तोड़ दिया. उनकी मौत से यह सवाल भी उठता है कि आखिर कितने माता-पिता अपनी संतानों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ते-लड़ते दम तोड़ देते हैं?
अब यह देखना होगा कि श्रद्धा को न्याय दिलाने के लिए आगे क्या कदम उठाए जाएंगे. लेकिन इतना साफ है कि श्रद्धा और विकास वालकर की कहानी भारत के न्याय तंत्र, समाज और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कई अनुत्तरित सवाल छोड़ गई है.
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