Updated on: 22 March, 2025 09:39 AM IST | mumbai
परभणी के सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत अब पुलिस की पिटाई से होने की पुष्टि हो चुकी है, जैसा कि न्यायिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है.
X/Pics, Sidharth Mokley
परभणी जिले के नव मोंढा पुलिस स्टेशन में सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत का मामला अब पूरी तरह से पुलिस की बर्बरता के रूप में सामने आ चुका है. अब इसमें कोई संदेह नहीं रहा कि सूर्यवंशी की मौत किसी सामान्य कारण से नहीं, बल्कि पुलिस की पिटाई से हुई है. न्यायिक जांच की रिपोर्ट ने इस संवेदनशील मामले में चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं. रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि हिरासत के दौरान सूर्यवंशी की बेरहमी से पिटाई की गई, जिससे उनकी मौत हुई. यह रिपोर्ट अब मानवाधिकार आयोग को सौंप दी गई है, जिसने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है.
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यह मामला जितना संवेदनशील है, उतना ही शर्मनाक भी है. जिन पर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वही मौत के सौदागर बन बैठे. इस मामले में वंचित बहुजन आघाडी की ओर से लगातार दबाव बनाया गया. संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष और मुख्य प्रवक्ता सिद्धार्थ मोकले ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह सिर्फ एक युवक की मौत नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था की चादर में छिपे सड़ांध का खुलासा है.” उन्होंने कहा कि वंचित बहुजन आघाडी के राष्ट्रीय महासचिव एड. प्रियदर्शी तेलंग के प्रयासों से पीड़ित परिवार को न्याय की दिशा में एक मजबूत आधार मिला है.
शिकायत दर्ज कराते समय सोमनाथ की मां विजया सूर्यवंशी और भाई प्रेमनाथ सूर्यवंशी की उपस्थिति ने इस लड़ाई को भावनात्मक और सामाजिक स्तर पर और मजबूत किया. यह घटना न सिर्फ जिले में बल्कि पूरे महाराष्ट्र में गुस्से और आक्रोश की आग को हवा दे चुकी है.
अब सवाल उठता है – क्या दोषी पुलिसकर्मियों को सजा मिलेगी? क्या इस अन्याय के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी? या फिर एक और नाम ‘हिरासत में मौत’ के आंकड़ों में दबा दिया जाएगा? महाराष्ट्र की जनता और खासकर वंचित तबके की नजरें अब सरकार और न्याय प्रणाली की ओर हैं. जवाबदेही तय करनी होगी – ताकि सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत सिर्फ एक केस नंबर बनकर ना रह जाए.
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