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सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर लगाई अंतरिम रोक, नसीम खान ने फैसले का किया स्वागत

Updated on: 15 September, 2025 07:24 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ संशोधन अधिनियम के कई प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई है. इस फैसले का नसीम खान ने स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार बहुमत के बल पर संविधान के विरुद्ध निर्णय ले रही है.

X/Pics, Naseem khan

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केंद्र की भाजपा सरकार को सोमवार को बड़ा झटका लगा, जब सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल पारित वक्फ संशोधन अधिनियम के कई प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगा दी. न्यायालय ने इस मामले में दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि संशोधन अधिनियम के कुछ बिंदु संविधान के मूल ढांचे और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन करते प्रतीत होते हैं, इसलिए अंतिम निर्णय तक इन पर रोक लगाई जाती है.

इस अहम फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और पूर्व मंत्री नसीम खान ने कहा कि यह निर्णय मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा, “आज के फैसले से साफ हो गया है कि मोदी सरकार अपने बहुमत के बल पर ही संविधान के विरुद्ध फैसले ले रही है. भाजपा सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन अधिनियम को बिना पर्याप्त चर्चा और विपक्ष की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए पारित कराया था.”


नसीम खान ने आरोप लगाया कि इस संशोधन के जरिए सरकार वक्फ संपत्तियों पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण स्थापित करना चाहती थी, जो अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक और संपत्ति संबंधी स्वायत्तता पर सीधा हमला है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह कदम न्यायपालिका की स्वतंत्रता और संविधान की रक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.


उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार बार-बार अपने बहुमत का दुरुपयोग कर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने वाले कानून बना रही है. “संसद में बहुमत का मतलब यह नहीं कि सरकार संविधान से ऊपर हो गई है. जनता ने बहुमत शासन चलाने के लिए दिया है, संविधान बदलने के लिए नहीं,” उन्होंने कहा.

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस मामले में विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और अगली सुनवाई के लिए तारीख भी तय की है.


राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह आदेश भाजपा सरकार की विधायी रणनीति के लिए बड़ा झटका है और आने वाले समय में यह मुद्दा देश की राजनीति में गर्मा सकता है.

नसीम खान ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह संविधान के मूल सिद्धांतों का सम्मान करे और समाज को बांटने वाले किसी भी कदम से बचे.

 

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