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उद्धव ठाकरे का महायुति सरकार पर वार: ‘दागी मंत्रियों को हटाओ, वरना आंदोलन और तेज होगा’

Updated on: 12 August, 2025 10:06 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महायुति सरकार पर दागी मंत्रियों को लेकर तीखा हमला बोला और राज्यव्यापी ‘भ्रष्टाचार पे चर्चा’ अभियान की घोषणा की.

Pics/Kirti Surve Parade

Pics/Kirti Surve Parade

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को महायुति सरकार—जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है—पर जमकर निशाना साधा. ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को साफ निर्देश दिए कि जब तक “दागी और विवादास्पद” मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर नहीं किया जाता, राज्यव्यापी आंदोलन जारी रहेगा.

ठाकरे ने ‘भ्रष्टाचार पे चर्चा’ अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि इस सरकार के भ्रष्टाचार को हर कोने तक पहुँचाना होगा. उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की—“बाल कटवाने जाओ या चाय पीने जाओ, सरकार के घोटालों की चर्चा करो.” उन्होंने इस अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चाय पे चर्चा’ पहल का तंजभरा जवाब बताया.


 



 

राज्य भर में यूबीटी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किए और ठाकरे ने खुद दादर के शिवाजी पार्क में मोर्चा संभाला. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को घेरते हुए ठाकरे ने सवाल दागा—“एक साफ छवि वाला व्यक्ति दागी मंत्रियों को कैसे बर्दाश्त कर सकता है? बहुमत होते हुए भी कार्रवाई क्यों नहीं?”

यह हमला उस समय आया जब पूर्व कृषि मंत्री मणिकराव कोकाटे पर विधानसभा सत्र के दौरान फोन पर रमी खेलने का आरोप लगा, जिसे उन्होंने खारिज किया. विपक्ष के इस्तीफे की मांग को अनदेखा करते हुए सरकार ने सिर्फ उनके विभाग में फेरबदल किया. इसी तरह, गृह राज्य मंत्री योगेश कदम अपनी मां के नाम पर पंजीकृत एक डांस बार से कथित संबंधों को लेकर घिरे हुए हैं—हालाँकि वे भी आरोप नकारते हैं.

शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़ पर विधानसभा में खाने की गुणवत्ता को लेकर एक कैंटीन कर्मचारी को मुक्का मारने का आरोप है, जिसने सरकार की छवि और धूमिल की. ठाकरे ने चेतावनी दी—“अगर भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो आने वाले चुनावों में जनता और यूबीटी दोनों आपको सबक सिखाएँगे.”

महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी शामिल हैं. ठाकरे ने राहुल गांधी के मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों का हवाला देते हुए भाजपा पर सीधा हमला किया.

उधर, फडणवीस ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया—“जो लोग जनादेश के खिलाफ गए हैं, वे हमें उपदेश न दें.”
यह विवाद अब राजनीतिक तापमान बढ़ाने के साथ आने वाले चुनावी समीकरणों को भी बदलने की क्षमता रखता है.

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