Updated on: 01 August, 2025 09:06 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
वर्षा गायकवाड ने लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग पर त्वरित प्रतिबंध की मांग की. उन्होंने कहा कि "Game of Skill" के नाम पर चलने वाले ये गेम्स दरअसल जुए की तरह हैं, जो युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य, शैक्षिक जीवन और पारिवारिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं.
X/Pics, Varsha Gaikwad
लोकसभा में सांसद वर्षा एकनाथ गायकवाड ने देश के युवाओं में बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग के व्यसन पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि ऐसे नशे की तरह काम करने वाले ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए. गायकवाड ने नियम 377 के तहत विशेष चर्चा के दौरान कहा कि ऑनलाइन गेम्स को "Game of Skill" के रूप में वैध ठहराया जा रहा है, जबकि ये असल में जुए की तरह होते हैं, जिनमें जीतने की संभावना बेहद कम है.
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अपने बयान में गायकवाड ने स्पष्ट किया कि इन गेम्स में जिंकने की संभावना मात्र 0.00006% है. ऐसे गेम्स में फंसे हुए कई युवा मानसिक रूप से कमजोर हो रहे हैं, उनका शैक्षिक जीवन प्रभावित हो रहा है और उनके पारिवारिक जीवन में भी तनाव बढ़ रहा है. गायकवाड ने इन ऑनलाइन गेम्स के प्रभावों को लेकर कई चिंताएँ जताई और कहा कि यह गेम्स न केवल युवा वर्ग को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के मामलों में भी वृद्धि कर रहे हैं.
Online gaming addiction is pushing our youth into a dangerous spiral; it must be banned immediately.
— Prof. Varsha Eknath Gaikwad (@VarshaEGaikwad) July 31, 2025
The rapid rise of online gaming in India is fueling a public health crisis. Under Rule 377 in the Lok Sabha, I’ve urged the central government to impose an immediate ban on these… https://t.co/09Il69pHNd
गायकवाड ने आगे बताया कि एक अकेली गेमिंग कंपनी ने 6384 करोड़ रुपये का GST भरा है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उनकी आय कितनी बड़ी होगी. हालांकि, इस सेक्टर में कंपनियों द्वारा 1.12 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी का मामला सामने आया है, और सरकार ने इस पर कोई कठोर कदम नहीं उठाया है, जो कि बेहद गंभीर और चिंताजनक है.
इसके अलावा, गायकवाड ने महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री का उदाहरण दिया, जिन्होंने लोकसभा सत्र के दौरान ऑनलाइन गेम खेलते हुए देखे गए थे. उन्होंने इस घटना को लेकर सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाए और कहा कि जब सरकार के मंत्री खुद ऐसे गेम्स खेल रहे हैं, तो आम जनता से इसे लेकर उम्मीद करना बहुत मुश्किल है. यह घटना सरकार के इस मुद्दे पर संजीदगी और समर्पण की कमी को दर्शाती है.
गायकवाड ने मांग की कि केंद्र सरकार को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और इन ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए. इसके साथ ही, कर चोरी करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. उनका कहना था कि यह समय की आवश्यकता है कि केंद्र सरकार युवाओं को इस चक्री व्यसन से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए. अगर इस दिशा में तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो यह न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करेगा.
गायकवाड ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे इस जुए जैसे खेलों को पूरी तरह से प्रतिबंधित करें और इस पर कड़ी निगरानी रखें. उन्होंने कहा कि सरकार का यह दायित्व बनता है कि वह देश के युवाओं को इस लत से बचाने के लिए ठोस नीति बनाये और उसे लागू करे. यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह समस्या और बढ़ सकती है और समाज पर इसके विपरीत प्रभाव पड़ सकते हैं.
गायकवाड के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि उन्हें ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते प्रभाव और उससे जुड़े नुकसान के प्रति गहरी चिंता है और उन्होंने सरकार से तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता जताई है.
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