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क्या टैरिफ वॉर के बीच भारत आएंगे पुतिन? हो रहा तारीखों पर विचार

Updated on: 07 August, 2025 09:23 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

उन्होंने गुरुवार को बताया कि एनएसए ने अपनी बैठकों में किसी विशेष तारीख या समय का संकेत नहीं दिया है.

रूसी राष्ट्रपति इस साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आ रहे हैं. फ़ाइल चित्र/एएफपी

रूसी राष्ट्रपति इस साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आ रहे हैं. फ़ाइल चित्र/एएफपी

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर आ सकते हैं. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अजीत डोभाल ने गुरुवार को मॉस्को में अपनी बैठकों के दौरान कहा है कि पुतिन की भारत यात्रा की तारीखों पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने गुरुवार को बताया कि एनएसए ने अपनी बैठकों में किसी विशेष तारीख या समय का संकेत नहीं दिया है. एक सूत्र ने कहा, "एनएसए डोभाल ने मॉस्को की अपनी यात्रा के दौरान कहा है कि राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की तारीखों पर विचार किया जा रहा है." सूत्रों ने कहा कि कुछ मीडिया में अगस्त के अंत की बताई जा रही तारीख गलत है. अजीत डोभाल ने रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय ऊर्जा और रक्षा सहयोग के साथ-साथ पुतिन की भारत यात्रा पर भी चर्चा की.

रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल पुतिन के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन और कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो बार रूस गए थे. रूसी राष्ट्रपति इस साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आ रहे हैं. डोभाल की रूस यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में कुछ तनाव है क्योंकि पश्चिमी देशों ने मास्को पर प्रतिबंध लगा रखे हैं, फिर भी भारत रूसी तेल की लगातार खरीद कर रहा है.


इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जो नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की लगातार खरीद के दंड स्वरूप लगाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार इस अतिरिक्त शुल्क के कारण भारत पर कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है. रूसी कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए, भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है.


अजित डोभाल की मास्को यात्रा से परिचित लोगों ने बताया कि रूसी अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत में द्विपक्षीय ऊर्जा और रक्षा संबंधों के साथ-साथ रूसी कच्चे तेल पर पश्चिमी प्रतिबंधों पर भी चर्चा हुई. रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों द्वारा भारत के कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से रूस भारत का शीर्ष ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है. एनएसए द्वारा भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की शेष दो रेजिमेंटों की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मास्को पर दबाव डालने की भी उम्मीद है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 प्रणालियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.  भारत ने 2018 में रूस के साथ एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली के पाँच स्क्वाड्रनों के लिए 5.43 बिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता किया था. यह एक अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली है जो लंबी दूरी पर कई हवाई खतरों का सामना करने में सक्षम है. तीन स्क्वाड्रन पहले ही वितरित किए जा चुके हैं.


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