प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी शामिल हुए जिन्होंने बेस्ट में दशकों तक सेवाएं दीं, लेकिन सेवानिवृत्त होने के बाद भी आज तक उनका पूरा बकाया उन्हें नहीं मिला. (Pics/Shadab Khan)
हाथों में बैनर और तख्तियां लिए ये प्रदर्शनकारी `हमारा हक दो`, `बकाया जारी करो` जैसे नारे लगाते हुए देखे गए.
प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार, विशेषकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपनी नाराज़गी जताई और आरोप लगाया कि उनकी सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
उन्होंने यह भी कहा कि जब वे सेवाएं दे रहे थे, तब उन्होंने कभी अपने कर्तव्यों से मुँह नहीं मोड़ा — तो अब सरकार क्यों पीछे हट रही है?
कई बुजुर्ग प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे पूरी तरह से इन लाभों पर निर्भर हैं, और इस देरी ने उन्हें आर्थिक संकट में डाल दिया है. कुछ ने बताया कि उन्हें इलाज तक के लिए पैसे उधार लेने पड़ रहे हैं.
एक सेवानिवृत्त ड्राइवर ने बताया, “हमने ज़िंदगी भर बेस्ट को दिए, अब जब हमें सहारा चाहिए, तो सिस्टम हमारी पीठ फेर रहा है.”
प्रदर्शनकारियों की माँग है कि:
- सभी लंबित ग्रेच्युटी और पेंशन लाभों का तुरंत भुगतान किया जाए
- एक स्थायी समाधान योजना बनाई जाए ताकि भविष्य में ऐसे हालात उत्पन्न न हों
- जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जिनकी वजह से ये देरी हो रही है
प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा लेकिन संदेश साफ था— अगर मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा. सरकार की ओर से शाम तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई थी.
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