इस रैली में तालुका के हजारों समाजबंधु, महिलाएं, युवा, युवतियां और वरिष्ठ नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए.
रैली के दौरान लोग सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के समर्थन में तख्तियां लेकर तहसील कार्यालय तक पहुंचे. रैली के समापन के बाद अण्णाभाऊ साठे की प्रतिमा के पास मुख्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ.
इस कार्यक्रम के अध्यक्ष पंढरी गायकवाड और अरुणभाऊ धोटे ने उद्घाटन किया, और विशेष अतिथि के रूप में सांसद मती प्रतिभा बाळूभाऊ धानोरकर उपस्थित रहीं.
मातंग समाज जयंती उत्सव समिति के पदाधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया. कार्यक्रम में भगवान डुकरे, सुग्रीव गोतावले, नरसिंग मोरे, पंढरी सूर्यवंशी, अरविंद कलवले, मती शांताबाई मोतेवाड सहित अन्य कई कार्यकर्ता प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
मुख्य मार्गदर्शक के रूप में डॉ. अंकुश गोतावले, ऐड. दत्तराज गायकवाड, और जी. एस. कांबळे ने मार्गदर्शन किया.
डॉ. गोतावले ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह निर्णय अनुसूचित जातियों की 58 जातियों की असमानताओं को दूर करने का एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने राज्य सरकार से इस निर्णय को तुरंत लागू करने की अपील की.
सत्कार के उत्तर में मती प्रतिभा धानोरकर ने मातंग समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और समाज के उत्थान के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया.
कार्यक्रम का प्रास्ताविक भानुदास जाधव ने किया, संचालन देविदास कांबळे ने और आभार गजानन गायकवाड ने व्यक्त किया.
इस आयोजन की सफलता के लिए मातंग समाज जयंती उत्सव समिति के सभी सदस्यों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया.
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