समारोह की शुरुआत एक पुस्तक जुलूस (ग्रंथ दिंडी) से हुई, जिसमें सैकड़ों छात्रों और ग्रामीणों ने पारंपरिक वेशभूषा धारण की और लोक वाद्ययंत्र बजाते हुए पठन संस्कृति को बढ़ावा दिया. (Pic/Gadchiroli Police)
इस नए पुस्तकालय में अध्ययन कक्ष, किताबों की अलमारियाँ, बैठने की व्यवस्था और अन्य बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं.
इसका उद्देश्य छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करना और ग्रामीण इलाकों में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करना है.
समारोह में 500 से अधिक नागरिकों ने भाग लिया. एसपी नीलोत्पल ने उपस्थित छात्रों और नागरिकों को पुस्तकालय का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि पुलिस न केवल माओवादी उग्रवाद से लड़ने, बल्कि जिले के सर्वांगीण विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है.
2023 में इस पहल की शुरुआत के बाद अब तक 72 पुस्तकालय स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे 8,500 से अधिक छात्र और ग्रामीण लाभान्वित हुए हैं.
इन क्षेत्रों के 205 छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से सरकारी नौकरियों में सफलता प्राप्त की है. पिछले पांच वर्षों में गढ़चिरौली का कोई भी युवा माओवादी समूह में शामिल नहीं हुआ, जो इस पहल की सफलता को दर्शाता है.
इस कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सीआरपीएफ और एसआरपीएफ अधिकारी, स्थानीय नेता, पत्रकार और छात्र उपस्थित रहे.
पुस्तकालय स्थापना और कार्यक्रम की सफलता जिला पुलिस बल, वांगेतुरी पुलिस और सामुदायिक अधिकारियों के समर्पित प्रयासों से संभव हुई.
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