संग्राम थोपटे ने भोर विधानसभा क्षेत्र का तीन बार प्रतिनिधित्व किया है. हालांकि, साल 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शंकर मांडेकर से हार का सामना करना पड़ा. Pic/Shadab Khan
संग्राम थोपटे के पिता अनंतराव थोपटे भी एक प्रभावशाली नेता रहे हैं, जिन्होंने भोर से छह बार विधायक के रूप में सेवा दी थी और वे एनसीपी प्रमुख शरद पवार के कट्टर प्रतिद्वंद्वी माने जाते थे.
कांग्रेस पार्टी से उनका रिश्ता पारिवारिक और वैचारिक दोनों रूपों में गहरा रहा है. लेकिन हाल ही में उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया.
पार्टी छोड़ने की वजह बताते हुए थोपटे ने कहा, “मैं एक कट्टर कांग्रेसी था. मैंने पार्टी के लिए पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम किया, महा विकास अघाड़ी सरकार के लिए भी योगदान दिया. लेकिन न तो मेरे कार्य को पहचान मिली और न ही मेरे समर्पण को.”
उन्होंने आगे कहा, “मेरे पिता और मैंने वर्षों तक संघर्ष कर कांग्रेस की विचारधारा को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाया. लेकिन आज की कांग्रेस में समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए कोई स्थान नहीं बचा है. पार्टी के अंदर गुटबाज़ी हावी हो चुकी है. अंततः मुझे पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.”
थोपटे का भाजपा में आना पुणे जिले की राजनीति में भाजपा के लिए एक बड़ी ताक़त माना जा रहा है. जानकारों का मानना है कि थोपटे का जनाधार और अनुभव भाजपा को आगामी स्थानीय और विधानसभा चुनावों में मजबूती प्रदान कर सकता है. पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र सेवा के लिए कार्य करेंगे.
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