प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि यह विरोध प्रदर्शन पिछले एक साल से पूरे देश में निरंतर चल रहा है और इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि महाबोधि महाविहार — वह पवित्र स्थल जहाँ भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था.
पूरी तरह से बौद्ध समाज के प्रबंधन में दिया जाए. इस प्रदर्शन में देखा गया कि अलग-अलग रिपब्लिकन समूह अपने पुरानी मतभेदों को भुलाकर इस मांग के लिए एकजुट हुए.
इस अवसर पर रामदास अठावले ने कहा कि "बौद्ध समाज की एकजुटता और ऐक्य के बिना महाबोधि महाविहार की मुक्ति संभव नहीं है. बिहार में किसी भी पार्टी की सरकार हो, महाबोधि महाविहार के मामले में बौद्धों को न्याय मिलना चाहिए. बी टी एक्ट (B.T. Act) को रद्द करके महाबोधि महाविहार का प्रबंधन बौद्धों के हाथ में देना अनिवार्य है."
प्रदर्शन में शामिल बौद्ध संगठनों और नेताओं ने जोर देकर कहा कि यह मामला केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों से जुड़ा है.
उन्होंने बताया कि पिछले कई दशकों से बौद्ध समुदाय के प्रतिनिधियों द्वारा महाविहार के प्रबंधन में हिस्सेदारी की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक यह नहीं हो सका.
मोर्चा निकालने के दौरान बौद्ध समुदाय के लोग धूप में खड़े होकर अपनी ताकत और एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे थे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी बौद्ध संगठन राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर इस ऐतिहासिक स्थल के न्यायपूर्ण प्रबंधन के लिए एक साथ आए हैं.
विरोध प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने कहा कि महाबोधि महाविहार की मुक्ति सिर्फ बौद्धों के अधिकारों की बहाली नहीं है, बल्कि पूरे देश में धार्मिक समानता और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण का प्रतीक भी है.
उन्होंने केंद्र और बिहार सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द इस पवित्र स्थल का प्रबंधन बौद्ध समाज के हाथ में दिया जाए, ताकि इसके धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व की रक्षा सुनिश्चित हो सके.
सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि महाबोधि महाविहार के लिए देशभर में आंदोलन जारी है. विभिन्न संगठन और राजनीतिक दल इस मुद्दे पर सक्रिय हैं और संसद में भी आवाज उठाई गई है.
गायकवाड़ ने बताया कि संसद और महाराष्ट्र विधानसभा में न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाते रहेंगे और प्रधानमंत्री से भी इस विषय पर मुलाकात करेंगे.
उन्होंने देश में मनुवाद, दलितों पर हमले और संविधान की अवहेलना पर चिंता व्यक्त की. हरियाणा में एक आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या और न्यायिक हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता, यह संघर्ष जारी रहेगा.
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