बैठक में शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे, शिवसेना (UBT) नेता विधायक आदित्य ठाकरे, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात जैसे विपक्ष नेता दिखाई दिए.
इसके अलावा जयंत पाटिल, सांसद अनिल देसाई, शिवसेना नेता अनिल परब, राकांपा प्रदेश अध्यक्ष शशिकांत शिंदे और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे.
बैठक के दौरान नेताओं ने चुनाव आयुक्त से स्थानीय निकायों की मतदाता सूचियों में अनियमितताओं को दूर करने और मतदाता नामांकन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग की.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में नगर निगम और पंचायत चुनावों के दौरान मतदाता सूची से नाम गायब होने और नए मतदाताओं के पंजीकरण में देरी जैसी समस्याएँ सामने आई हैं.
विपक्षी नेताओं ने यह भी कहा कि इन चुनावों का सीधा संबंध आम जनता की स्थानीय जरूरतों और लोकतांत्रिक भागीदारी से है, इसलिए पारदर्शिता और निष्पक्षता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.
महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर मिले और प्रशासनिक स्तर पर किसी भी तरह का पक्षपात न हो.
उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव लोकतंत्र की नींव हैं और जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया आवश्यक है.
यह बैठक न केवल निकाय चुनावों की तैयारियों का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि महाराष्ट्र की राजनीति में विपक्ष एकजुट होकर पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग को लेकर सक्रिय हो गया है.
ADVERTISEMENT