यह कदम विधानसभा चुनाव से पहले महायुति को और अधिक मजबूत करने की दिशा में देखा जा रहा है.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिंदे ने चंद्रकांत पाटिल का स्वागत करते हुए उन्हें बालासाहेब ठाकरे का वफादार शिवसैनिक बताया.
और कहा कि पाटिल ने हमेशा क्षेत्र के विकास और लोगों की भलाई के लिए काम किया है. मुख्यमंत्री ने यह भी खुलासा किया कि पिछले दो वर्षों में चंद्रकांत पाटिल के क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 5,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
उन्होंने कहा, "मैं देने वाला मुख्यमंत्री हूं और महागठबंधन के हर विधायक के क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए मदद प्रदान की जाएगी."
मुख्यमंत्री शिंदे ने इस दौरान अपनी "माझी लड़की बहिन" योजना का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि जब यह योजना शुरू की गई थी, तो कई लोगों ने इसे एक चुनावी जुमला समझा था, लेकिन अब यह योजना वास्तविकता बन चुकी है.
इस योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता सभी जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा रही है, और मुख्यमंत्री ने इसे अपनी प्रतिबद्धता का उदाहरण बताया.
सभा के दौरान मुख्यमंत्री शिंदे ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी आश्वासन दिया कि उनकी सरकार जाति या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करती है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सहायता कोष से मिलने वाली सहायता में भी कोई धार्मिक भेदभाव नहीं होता.
चंद्रकांत पाटिल के शिवसेना में शामिल होने के इस कदम से महायुति को एक नई मजबूती मिली है, और यह विधानसभा चुनाव से पहले महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है.
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