इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, छात्र और संविधान समर्थक नागरिक उपस्थित रहे.
हाथों में संविधान की प्रतियाँ और तख्तियाँ लेकर कार्यकर्ताओं ने “संविधान का अपमान बंद करो” और “न्यायपालिका का सम्मान करो” जैसे नारे लगाए.
प्रदर्शन के दौरान रोहित पवार ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश गवई पर हमला करने का प्रयास सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि भारत के संविधान, लोकतंत्र और न्यायपालिका पर हमला है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की “मनुवादी प्रवृत्ति” समाज को बाँटने और दलित-वंचित वर्गों की प्रगति रोकने की कोशिश करती है.
उन्होंने आगे कहा, “एक साधारण परिवार से आने वाले व्यक्ति ने अपनी मेहनत से सर्वोच्च न्यायालय में जगह बनाई, और उस पर हमला इस बात का संकेत है कि समाज में असहिष्णुता कितनी गहरी हो चुकी है.
अगर इस सोच को समय रहते नहीं रोका गया, तो यह लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर देगी.”
पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में बैठे कुछ लोग संविधान की मर्यादाओं का पालन नहीं कर रहे हैं और ऐसे कृत्यों से उनके अनुयायी भी गलत दिशा में जा रहे हैं.
आखिर में रोहित पवार ने कहा कि एनसीपी (शरद चंद्र पवार गुट) संविधान की रक्षा और न्यायपालिका के सम्मान के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी. उन्होंने जनता से भी संविधान और लोकतंत्र की रक्षा में एकजुट रहने की अपील की.
ADVERTISEMENT