इसके अलावा, सोमेश्वर परगे, अदवाले गोविंद दत्ता, सोन्याभाऊ गायकवाड़, विनोद हांडेबाग, स्वप्निल सुर्यवंशी भी उपस्थित थे.
सभी ने लोकतांत्रिक अण्णाभाऊ साठे को याद किया और उन्हें पुष्प अर्पित किए.
इस कार्यक्रम में सरपंच शरद कोकने ने अण्णाभाऊ साठे के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला और उनके आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा दी.
अण्णाभाऊ साठे का जन्म 1 अगस्त 1920 को सांगली जिले के वटेगांव में हुआ था. वे एक प्रख्यात लेखक, कवि, और समाज सुधारक थे.
उन्होंने अपने जीवन के दौरान 35 से अधिक उपन्यास, 15 नाटक, और 250 से अधिक गाने लिखे.
उनके साहित्य में समाज के शोषित और वंचित वर्गों की पीड़ा और संघर्ष को प्रमुखता से दर्शाया गया है.
अण्णाभाऊ साठे का जन्म 1 अगस्त 1920 को सांगली जिले के वटेगांव में हुआ था. वे एक प्रख्यात लेखक, कवि, और समाज सुधारक थे.
उन्होंने अपने जीवन के दौरान 35 से अधिक उपन्यास, 15 नाटक, और 250 से अधिक गाने लिखे.
उनके साहित्य में समाज के शोषित और वंचित वर्गों की पीड़ा और संघर्ष को प्रमुखता से दर्शाया गया है.
साठे ने अपने साहित्य के माध्यम से समाज में बदलाव लाने का प्रयास किया. उनके लेखन ने न केवल लोगों को जागरूक किया बल्कि उन्हें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा भी दी.
अण्णाभाऊ साठे की रचनाएँ मराठी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और वे आज भी सामाजिक और साहित्यिक दृष्टिकोण से प्रासंगिक हैं.
ADVERTISEMENT