इस मौके पर मुख्यमंत्री शिंदे ने उन्हें पार्टी का पारंपरिक तीर-धनुष देकर स्वागत किया.
यह घटना विशेष महत्व रखती है क्योंकि नारायण राणे ने 22 साल पहले शिवसेना छोड़ दी थी, और अब इतने साल बाद राणे परिवार का कोई सदस्य एक बार फिर से शिवसेना में शामिल हुआ है.
पार्टी एंट्री के समय, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद नारायण राणे, विधायक नीलेश राणे, नीलम राणे और पूरा राणे परिवार भी मौजूद था. नारायण राणे ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत शिवसेना से की थी, और अब उनके बेटे नीलेश राणे ने उसी पार्टी में कदम रखा है.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नारायण राणे को उनके बेटे नीलेश के शिवसेना में प्रवेश के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने यह भी कहा कि नीलेश के शामिल होने से कोंकण क्षेत्र में महायुथी का आधार और मजबूत हुआ है.
शिंदे ने कहा कि राणे परिवार का शिवसेना में वापस आना एक चक्र के पूरा होने जैसा है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कुडाल शहर ने लोकसभा चुनाव में नारायण राणे को 26 हजार वोटों का बहुमत दिया था.
शिंदे ने विश्वास जताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में यह बहुमत 52 हजार वोटों तक पहुंचेगा. इसके अलावा, उन्होंने आश्वासन दिया कि नीलेश राणे की जीत के बाद वे कुडाल में होने वाली आतिशबाजी को देखने जरूर आएंगे.
नीलेश राणे के शिवसेना में शामिल होने को राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
कोंकण क्षेत्र में शिवसेना की पकड़ और मजबूत हो गई है, और पार्टी के समर्थक इस घटना को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देख रहे हैं.
नारायण राणे, जो पहले शिवसेना में एक प्रमुख नेता थे और पार्टी छोड़ने के बाद अन्य दलों के साथ जुड़े थे, उनके बेटे का वापसी से शिवसेना की ताकत में इजाफा माना जा रहा है.
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