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सुनील गावस्कर ने सचिन तेंदुलकर की वापसी को लेकर किया खुलासा

Updated on: 12 July, 2024 10:16 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

गावस्कर ने उनकी बात मान ली और पत्र में लिखा कि उन्हें भी इसी तरह के सम्मान के लिए नजरअंदाज किया गया था.

द लीजेंड्स क्लब के सदस्य बुधवार को वानखेड़े में सुनील गावस्कर का 75वां जन्मदिन मनाते हुए. Pic/Atul Kamble

द लीजेंड्स क्लब के सदस्य बुधवार को वानखेड़े में सुनील गावस्कर का 75वां जन्मदिन मनाते हुए. Pic/Atul Kamble

Sunil Gavaskar News: बुधवार को वानखेड़े स्टेडियम में द लीजेंड्स क्लब द्वारा सुनील गावस्कर का 75वां जन्मदिन मनाया गया. लंदन में बल्लेबाजी के दिग्गज के साथ, पीडी हॉल में उनकी ओर से केक काटा गया. इस अवसर पर के जयंतीलाल, जो वेस्टइंडीज में 1971 की पहली सीरीज में गावस्कर के साथी थे, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजय पाटिल, मुंबई के पूर्व क्रिकेटर भरत नाडकर्णी, पूर्व कमेंटेटर फ्रेडन डे विट्रे, बीसीसीआई के अंपायर मार्कस कोउटो और पश्चिम पाठक मौजूद थे.

जिन लोगों से गावस्कर के साथ अपने अनुभवों के बारे में बात करने के लिए कहा गया, उनमें अनिल जोशी भी शामिल थे, जो निरलॉन में गावस्कर के साथी थे. जोशी ने उस समय के बारे में बताया जब उन्होंने और हेमंत वैनगंकर ने गावस्कर को सचिन तेंदुलकर नामक एक बच्चे के बारे में बताया, जो 1987 में एमसीए के जूनियर क्रिकेटर ऑफ द ईयर के रूप में नामित न किए जाने से निराश था. जोशी ने खुलासा किया कि उस समय किशोर तेंदुलकर पुरस्कार के लिए नामित न किए जाने से इतने निराश थे कि उन्होंने एक महीने तक क्रिकेट खेलना बंद कर दिया था. 


जोशी ने टिप्पणी की: "मैं उस समय सनग्रेस मफतलाल के साथ था और हमने पहले ही सचिन को गोद ले लिया था. अजीत [तेंदुलकर के बड़े भाई] स्वर्गीय हेमंत और मेरे पास आए. हमने फैसला किया कि [तेंदुलकर को शांत करने के लिए] सबसे अच्छा विकल्प सुनील से सचिन को एक उत्साहवर्धक पत्र लिखवाना था." गावस्कर ने उनकी बात मान ली और पत्र में लिखा कि उन्हें भी इसी तरह के सम्मान के लिए नजरअंदाज किया गया था. जोशी ने जोर देकर कहा कि उस पत्र ने "सचिन के करियर को बदल दिया." वैसे, गावस्कर ने उड़ान भरने से पहले वैनगंकर की कार के बोनट पर पत्र लिखा था. और तेंदुलकर का करियर उड़ान भर गया.


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