Updated on: 06 November, 2025 11:55 AM IST | Mumbai
Ritika Gondhalekar
दहिसर पुलिस ने 27 अक्टूबर को अशोकवन नाले में लावारिस मिली नवजात बच्ची के माता-पिता का पता लगा लिया है. पुलिस के अनुसार, दंपति ने आर्थिक तंगी और सामाजिक दबाव के कारण नवजात को छोड़ने की बात स्वीकार की है. बच्ची को कांदिवली के शताब्दी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
Pic/Ritika Gondhalekar
दहिसर पुलिस ने 27 अक्टूबर को अशोकवन नाले में लावारिस मिली नवजात बच्ची के माता-पिता का पता लगा लिया है. दहिसर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने बच्ची को बचाया और कांदिवली के शताब्दी अस्पताल ले जाया गया.
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अस्पताल के अधिकारियों ने कहा है कि बच्ची की हालत स्थिर है और उसे जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी, लेकिन मामले में अगला कदम अभी अनिश्चित है - क्या बच्ची को उसके माता-पिता को वापस सौंपा जाएगा या किसी बाल कल्याण गृह की देखभाल में रखा जाएगा, यह अभी तय नहीं हुआ है. शताब्दी अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम पुलिस को बच्ची की स्थिर हालत के बारे में सूचित करेंगे और पुलिस जिसे भी उसे सौंपने के लिए कहेगी, उसे बच्ची सौंप देंगे."
पुलिस अधिकारी, अस्पताल के अधिकारियों और बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के साथ मिलकर इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि बच्ची के हित में क्या होगा.
दहिसर पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "दंपति की पहले से ही तीन बेटियाँ हैं. वे एक गरीब परिवार से हैं. माँ घरेलू सहायिका का काम करती है और उसका पति दिहाड़ी मज़दूर है. इसलिए, हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि बच्चे के डिस्चार्ज होने के बाद क्या किया जाए."
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिशु के माता-पिता - जो नाले के पीछे एक झुग्गी बस्ती में रहते हैं - ने गंभीर आर्थिक तंगी और सामाजिक दबाव के कारण नवजात को छोड़ने की बात कबूल की है. पुलिस अधिकारी ने कहा, "उन्होंने हमें बताया कि वे गुज़ारा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे और चौथे बच्चे की परवरिश के आर्थिक बोझ से डरे हुए थे."
पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है और अभी भी इस बात पर विचार कर रही है कि माता-पिता दोनों को गिरफ्तार किया जाए या उनमें से किसी एक को. माता-पिता की पहचान उजागर नहीं की गई है, क्योंकि पुलिस मामले को संवेदनशीलता से संभाल रही है.
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