Updated on: 10 July, 2025 02:28 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
ग्लोबल आइकन और हॉलीवुड सुपरस्टार प्रियंका चोपड़ा जोनस ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. वह एस्क्वायर इंडिया के कवर पर नजर आने वाली पहली महिला बन गई हैं.
Priyanka Chopra
एक बार फिर इतिहास रचते हुए, ग्लोबल आइकन और हॉलीवुड सुपरस्टार प्रियंका चोपड़ा जोनास एस्क्वायर इंडिया के कवर पेज पर आने वाली पहली महिला बन गई हैं. “पॉवर ऑफ प्रियंका” जैसे साहसिक और सार्थक शीर्षक के तहत, यह कवर केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक उपलब्धि है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
पोस्ट यहाँ देखें!
View this post on Instagram
पिछले दो दशकों से अधिक समय से, प्रियंका चोपड़ा ने यह परिभाषित किया है कि एक ग्लोबल सुपरस्टार होना वास्तव में क्या मायने रखता है. भारतीय सिनेमा से शुरुआत करते हुए, वह हॉलीवुड में एक मजबूत पहचान बनाने में सफल रहीं, उन्होंने हर परंपरा को तोड़ा और हर सीमा को पार किया. एस्क्वायर इंडिया के कवर पर पहली महिला बनना उनके इसी सफर की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि है.
चाहे क्वांटिको में किसी अमेरिकी नेटवर्क ड्रामा की मुख्य भूमिका निभाने वाली पहली दक्षिण एशियाई कलाकार के रूप में काम करना हो, या हाल ही में रिलीज़ हुई फ़िल्म हेड्स ऑफ़ स्टेट में जॉन सीना और इदरीस एल्बा जैसे कलाकारों के साथ स्क्रीन साझा कर रही हों, या सिटाडेल जैसी ग्लोबल फ्रैंचाइज़ी के लिए सोलो अंतर्राष्ट्रीय पोस्टरों की शोभा बढ़ाना हो, प्रियंका ने लगातार साबित किया है कि उनकी स्क्रीन उपस्थिति सीमाओं से परे है.
लेकिन प्रियंका की प्रभावशीलता केवल ऑन-स्क्रीन तक सीमित नहीं है. फैशन, बिज़नेस, और सामाजिक सरोकारों में भी उनका प्रभाव गहरा है. वह बुल्गारी की लंबे समय से ग्लोबल ब्रांड एंबेसडर हैं, मेट गाला की एक अनुभवी कलाकार हैं जिन्हें अक्सर इसकी `क्वीन बी` कहा जाता है, और टाइम की 100 सबसे प्रभावशाली और फोर्ब्स की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में उनका नाम नियमित रूप से शामिल होता है.
यह एस्क्वायर इंडिया का कवर सिर्फ उनका सेलिब्रेशन नहीं है, बल्कि ग्लोबली प्रतिनिधित्व में हो रहे व्यापक बदलाव का प्रतीक है — एक ऐसा बदलाव जिसकी अगुवाई प्रियंका वर्षों से कर रही हैं. आत्मविश्वासी, प्रभावशाली और लगातार नए रास्ते बनाने वाली प्रियंका चोपड़ा जोनस न केवल इस ऐतिहासिक अंक का चेहरा हैं — वह इस पल की पहचान हैं, और अपने आप में एक आंदोलन.
यह उपलब्धि केवल पहली होने की बात नहीं है—यह दरवाज़े खोलने के बारे में है ताकि वह कभी "अकेली" न रहें. यही है—और हमेशा से यही रही है—पॉवर ऑफ प्रियंका.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT