Updated on: 17 September, 2025 07:53 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
हमेशा राष्ट्रहित के मुद्दों और बदलाव लाने वाले नेताओं के प्रति अपना समर्थन दिखाने वाली ईशा ने अपने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के लिए एक भावपूर्ण संदेश साझा किया.
ईशा कोप्पिकर
बॉलीवुड अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ ईशा कोप्पिकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएँ देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. एक भावपूर्ण पोस्ट में, ईशा ने प्रधानमंत्री के राष्ट्र के प्रति समर्पण और उनकी निरंतर सेवा की प्रशंसा की. हमेशा राष्ट्रहित के मुद्दों और बदलाव लाने वाले नेताओं के प्रति अपना समर्थन दिखाने वाली ईशा ने अपने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के लिए एक भावपूर्ण संदेश साझा किया. उन्होंने लिखा, "हमारे माननीय प्रधानमंत्री को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ. राष्ट्र के प्रति आपकी अथक सेवा वास्तव में प्रेरणादायक है. ईश्वर आपको सदैव स्वस्थ, सुखी और शक्तिशाली बनाए रखें, इसकी कामना करती हूँ."
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अपने संदेश में, ईशा ने देश के प्रति मोदी की अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे उनका नेतृत्व लाखों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है. बॉलीवुड, सामाजिक कार्यों और जनसेवा से जुड़े अपने करियर के चलते, ईशा कोप्पिकर अक्सर उन जननेताओं के समर्थन में आवाज़ उठाती रही हैं जो देश की प्रगति के लिए कार्यरत हैं. ईशा का यह जन्मदिन संदेश उन शुभकामनाओं की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है जो देशभर से प्रधानमंत्री को मिल रही हैं. देश के हर वर्ग से लोग उनके योगदान का सम्मान करते हुए शुभकामनाएं दे रहे हैं. ईशा के गर्मजोशी भरे शब्द प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के प्रति जनता की व्यापक सराहना को दर्शाते हैं — विशेषकर उन पहलों के लिए जो राष्ट्र के विकास और उत्थान पर केंद्रित हैं.
ईशा कोप्पिकर महत्वाकांक्षा, अनुशासन और ट्रांसफॉर्मेशन से अनजान नहीं हैं. उन्होंने शोहरत, संतुष्टि और निराशाओं का सफर तय किया है. अब वे एक ऐसा संदेश साझा कर रही हैं जिसे हर युवा को सुनना चाहिए. उनका संदेश साफ़ है – सपना देखो, लेकिन आँखें खोलकर. ईशा कहती हैं कि सपने देखना बहुत ज़रूरी है. मैं हमेशा यही मानती और कहती हूँ. लेकिन बिना किसी योजना के जो सपने देखे जाते हैं, वो बस एक मृगतृष्णा की तरह हैं. वे आपको थका देते हैं. आपको भ्रमित कर देते हैं.
एक मिसाल देते हुए, वह कहती हैं, "नींबू और चम्मच की दौड़ में, जो फिनिश लाइन तक पहुँचता है, उसके पास नींबू और चम्मच दोनों होने चाहिए." संतुलन ही सब कुछ है. वह आगे कहती हैं कि अगर वह कभी ऐसी स्थिति में हों जहाँ उन्होंने सब कुछ पाया हो, लेकिन इस प्रक्रिया में सब कुछ खो दिया हो, तो यह उनके लिए सफलता नहीं है. "मैं जो कहती हूं, वो करती भी हूं. मैं हर दिन खुशी का अभ्यास करती हूँ. और सफलता बिना किसी चीज़ के खुश रहना है. जीवन स्थायी नहीं है. इसे ज़्यादा गंभीरता से न लें. हम ही दुनिया हैं. हम कुछ भी कर सकते हैं. भगवान ने हमें वो शक्ति दी है कि हम कुछ भी कर सकते हैं. आपसे प्यार करती हूं, और भगवान आपका भला करे.”
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