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कंगना रनौत ने खुद को बताया सभी का `फेवरेट टारगेट`, कहा- `सोए हुए देश को जगाने की यह कीमत है`

Updated on: 04 September, 2024 07:49 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने एक्स पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने खुद को सभी का `फेवरेट टारगेट` बताया.

इमरजेंसी में कंगना रनौत

इमरजेंसी में कंगना रनौत

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म `इमरजेंसी` 6 सितंबर को तय समय पर रिलीज नहीं हो पाएगी, क्योंकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को फिल्म को तुरंत प्रमाणित करने का निर्देश देकर कोई भी तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया है. इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने ट्विटर के नाम से मशहूर एक्स पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने खुद को सभी का `फेवरेट टारगेट` बताया.

कंगना रनौत ने लिखा, "आज मैं सभी की पसंदीदा टारगेट बन गई हूं, इस सोए हुए देश को जगाने की यह कीमत है, वे नहीं जानते कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं, उन्हें नहीं पता कि मैं इतनी चिंतित क्यों हूं, क्योंकि वे शांति चाहते हैं, वे किसी का पक्ष नहीं लेना चाहते. वे शांत हैं, आप जानते हैं कि वे शांत हैं!! हा हा काश सीमा पर तैनात उस गरीब सैनिक को भी शांत रहने का यही विशेषाधिकार मिलता, काश उसे पक्ष लेने और पाकिस्तानियों/चीनियों को अपना दुश्मन मानने की जरूरत न पड़ती. वह आपकी रक्षा कर रहा है, जबकि आप आतंकवादियों या देशद्रोहियों पर वासना कर सकते हैं."




उन्होंने कहा, "काश, वह युवती जिसका अपराध केवल इतना था कि वह सड़क पर अकेली थी और उसके साथ बलात्कार किया गया, वह शायद एक सज्जन और दयालु व्यक्ति होती जो मानवता से प्यार करती थी, लेकिन क्या उसकी मानवता का बदला चुकाया गया? काश, सभी लुटेरे और अपराधी भी इस शांत और सोई हुई पीढ़ी की तरह ही प्यार और स्नेह रखते, लेकिन जीवन की सच्चाई कुछ और ही है. चिंता मत करो, वे तुम्हारे पीछे पड़ रहे हैं, अगर हममें से कुछ लोग भी तुम्हारी तरह शांत हो गए, तो वे तुम्हें पकड़ लेंगे और तब तुम्हें अनकूल लोगों का महत्व पता चलेगा."

6 सितंबर को रिलीज होने वाली यह बायोग्राफिकल ड्रामा सिख संगठनों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद विवादों में फंस गई है. सिख संगठनों ने इस पर समुदाय को गलत तरीके से पेश करने और ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है. फिल्म के निर्माता जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख कर सीबीएफसी को फिल्म के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी. याचिका में दावा किया गया था कि सेंसर बोर्ड प्रमाण पत्र के साथ तैयार था, लेकिन फिल्म की रिलीज के बाद कानून और व्यवस्था की अशांति की आशंका के कारण इसे जारी नहीं कर रहा था.

पीठ ने निर्माता की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि प्रमाणपत्र तैयार रखा गया था, लेकिन जारी नहीं किया गया और कहा कि एक बार प्रमाणपत्र फिल्म के निर्माताओं को ऑनलाइन जारी कर दिया गया, तो सीबीएफसी का यह तर्क कि प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया क्योंकि उस पर अध्यक्ष के हस्ताक्षर नहीं थे, गलत है.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद रनौत ने सोशल मीडिया पर अपनी राय साझा की. उन्होंने एक्स पर लिखा, "हाईकोर्ट ने इमरजेंसी का प्रमाणपत्र अवैध रूप से रोके रखने के लिए सेंसर की आलोचना की है." पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की मुख्य भूमिका निभाने के अलावा फिल्म का निर्देशन और सह-निर्माण करने वाली रनौत ने इस सप्ताह की शुरुआत में सीबीएफसी पर रिलीज में देरी करने के लिए प्रमाणन में देरी करने का आरोप लगाया. अदालत 19 सितंबर को याचिका पर सुनवाई करेगी.

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