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कंगना रनौत की `इमरजेंसी` में और देरी, CBFC ने कट्स करने पर दी रिलीज की अनुमति

Updated on: 26 September, 2024 06:40 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

फिल्म का समर्थन करने वाले स्टूडियो जी ने कोर्ट से सीबीएफसी को जवाब देने के लिए समय मांगा. यह फिल्म पहले 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी.

कंगना रनौत इमरजेंसी में

कंगना रनौत इमरजेंसी में

कंगना रनौत की इमरजेंसी का इंतजार और बढ़ गया है. गुरुवार को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि अगर रिवाइजिंग कमिटी द्वारा मांगे गए कट्स किए जाते हैं तो कंगना रनौत की फिल्म को सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा. फिल्म का समर्थन करने वाले और सीबीएफसी से लड़ने वाले स्टूडियो जी ने कोर्ट से सीबीएफसी को जवाब देने के लिए समय मांगा. यह फिल्म पहले 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन फिल्म रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी न करने को लेकर सेंसर बोर्ड के साथ लड़ाई में उलझी हुई है. 

गुरुवार को बेंच ने सीबीएफसी से पूछा कि क्या उसके पास फिल्म के लिए "अच्छी खबर" है. सीबीएफसी के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने कोर्ट को बताया कि बोर्ड की रिवाइजिंग कमिटी ने अपना फैसला ले लिया है. उन्होंने कहा, "समिति ने सर्टिफिकेट जारी करने और फिल्म रिलीज करने से पहले कुछ कट्स का सुझाव दिया है." 


जी एंटरटेनमेंट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शरण जगतियानी ने कट्स किए जा सकते हैं या नहीं, इस पर फैसला लेने के लिए समय मांगा. इसके बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को तय की. जी एंटरटेनमेंट ने अपनी याचिका में दावा किया कि सीबीएफसी ने पहले ही फिल्म के लिए प्रमाण पत्र बना दिया था, लेकिन इसे जारी नहीं कर रहा है. रनौत, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की मुख्य भूमिका निभाने के अलावा फिल्म का निर्देशन और सह-निर्माण किया है, ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) पर रिलीज में देरी करने के लिए प्रमाणन में देरी करने का आरोप लगाया था. 


शिरोमणि अकाली दल सहित कुछ सिख संगठनों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद यह जीवनी पर आधारित नाटक विवादों में फंस गया है, जिसमें समुदाय को गलत तरीके से पेश करने और ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया गया है. सीबीएफसी और जी एंटरटेनमेंट के बीच अब तक की अदालती लड़ाई पिछले हफ्ते जस्टिस बीपी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने फिल्म के लिए प्रमाण पत्र जारी करने पर निर्णय नहीं लेने के लिए सीबीएफसी को कड़ी फटकार लगाई थी. तब हाईकोर्ट ने कहा था कि सेंसर बोर्ड तटस्थ नहीं रह सकता और उसे एक या दूसरे तरीके से अपना निर्णय लेना होगा क्योंकि ऐसा न करने पर यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के समान होगा. न्यायालय ने सीबीएफसी को 25 सितंबर तक अपना निर्णय लेने का निर्देश दिया था.

फिल्म के सह-निर्माता जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसमें सीबीएफसी को कंगना रनौत द्वारा निर्देशित फिल्म "इमरजेंसी" के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. पिछले सप्ताह, जी एंटरटेनमेंट ने आरोप लगाया था कि राजनीतिक कारणों और हरियाणा में आगामी चुनावों के कारण प्रमाण पत्र को रोका जा रहा है. पीठ ने तब आश्चर्य जताया था कि सत्तारूढ़ पार्टी रनौत के खिलाफ कार्रवाई क्यों करेगी, जो खुद भाजपा सांसद हैं.


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