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जानें क्यों युगो साको ने `रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस रामा` में कंप्यूटर के बजाय किया था हाथ से एनीमेशन

Updated on: 01 October, 2024 05:45 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

ये फिल्म 1993 में पूरी हुई थी और इसने भारतीय पौराणिक कथाओं को जापानी एनीमे के जरिए दर्शकों के सामने पेश किया था.

Yugo Sako

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`रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम` जिसे यूगो सको ने बनाया और कोइची सासाकी और राम मोहन ने डायरेक्ट किया है, वह भारतीय महाकाव्य की एक पहली एनीमे एडेप्टेशन है. ये फिल्म 1993 में पूरी हुई थी और इसने एनीमेशन की दुनिया को बदल दिया था, क्योंकि इसने भारतीय पौराणिक कथाओं को जापानी एनीमे के जरिए दुनिया भर के दर्शकों के सामने पेश किया था. और इस तरह से ये एनीमेशन के इतिहास में एक खास पल था.

युगो साको की `रामायण` बनाने की कहानी उसकी भारतीय संस्कृति के लिए गहरे प्यार को दर्शाती है. जब वो भारत में पुरातत्व उत्खनन पर एक डॉक्यूमेंट्री बना रहे थे, तब उन्हें देश का कई बार दौरा करना पड़ा. दौरों के बीच, उन्हें एक परफेक्ट कहानी मिलती थी जो एनिमेटेड फिल्म में बदल सकती थी, और इस तरह से `रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस रामा` का जन्म हुआ. साको का मानना था कि रामायण में प्यार, दोस्ती और वफ़ादारी के मुख्य विषय सभी के लिए अहम हैं. उनका मानना था कि एनिमेशन का इस्तेमाल करके इन मूल्यों को दुनिया भर के बच्चों और जवानों के साथ साझा करने में मदद मिल सकती है.


फिल्म को 450 कलाकारों की टीम ने बनाया था, जिन्होनें लगभाग 100,000 हाथ से बनी इमेज का इस्तमाल किया. साको ने पारंपरिक हाथ से बनाए गए एनीमेशन को कंप्यूटर एनीमेशन पर तर्जीह दी क्योंकि उनका मन ना था कि इस रामायण की भावना और इंसानी जज़्बात बेहतर तरीके से दिखाए जा सकते हैं. उनकी टीम की मेहनत ने डिटेल्ड प्रोसेस को इमोशनल और सबके लिए जुड़ाव महसूस करने वाला बना दिया. बहुत से एनिमेटर्स जो इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, उन्होंने ने बाद में पोकेमॉन, ड्रैगन बॉल जेड, डोरेमोन और स्टूडियो घिबली की फिल्में जैसे मशहूर शो में भी योगदान दिया, जो दिखाता है कि इस फिल्म के एनीमेशन का इंडस्ट्री पर कितना असर हुआ.


`रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम` ने जापानी एनीमेशन स्टाइल और भारतीय कहानियों के बीच एक खास पार्टनरशिप भी बनाई है. इसने दोनों देशों की कलाओं को एक ऐसे तरीके से जोड़ा जो पहले कभी नहीं हुआ था. 4K में रीमास्टर्ड, `रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस रामा` चार भाषाओं अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में पहली बार पैन इंडिया में रिलीज़ होगी. यह दशहरा और दिवाली के भारतीय त्योहारों के दौरान रिलीज होने वाली है. इस फिल्म को एक सिनेमा के जश्न के रूप में देखा जा रहा है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत और जापानी एनीमे की अनोखी रचनात्मकता का मेल है. इसे गीक पिक्चर्स इंडिया, एए फिल्म्स, और एक्सेल एंटरटेनमेंट द्वारा पूरे देश में रिलीज़ किया जाएगा और यह दर्शकों को आकर्षित करने में सफल होगी.


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