Updated on: 28 October, 2024 01:18 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
दिवाली के अवसर पर भजन `माते लक्ष्मी माते` का भव्य अनावरण किया गया। इस सॉन्ग लॉन्च इवेंट में संगीत और फिल्म जगत की कई प्रमुख हस्तियां, जैसे सोनू निगम, अनूप जलोटा, संजय टंडन, और स्मिता ठाकरे शामिल हुईं.
"माते लक्ष्मी माते" भजन का हर शब्द और संगीत श्रोताओं को देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद की अनुभूति कराने का प्रयास करता है.
द क्लब के सिम्फनी हॉल में एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली भक्ति संगीत की संध्या का आयोजन किया गया, जहां बहुप्रतीक्षित भजन "माते लक्ष्मी माते" का शुभारंभ हुआ. इस विशेष अवसर पर भारतीय संगीत जगत की कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ा दी, जिनमें प्रसिद्ध गायकों अनूप जलोटा, सोनू निगम, और संजय टंडन के साथ-साथ जानी-मानी हस्ती स्मिता ठाकरे शामिल थीं. यह संध्या देवी लक्ष्मी की महिमा में समर्पित संगीत का एक पावन उत्सव बन गई. सोनू निगम की बहन, मीनल निगम ने अपनी मधुर और सजीव आवाज़ में इस भजन को प्रस्तुत किया. इस भजन के भावपूर्ण बोल ललिता गोयनका द्वारा लिखे गए थे और संजीव कोहली ने इस भजन की सुंदर धुन को सजाया था. जब मीनल निगम ने देवी लक्ष्मी की महिमा का गायन किया, तो वहां उपस्थित सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए और पूरे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ.
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इस शुभ अवसर पर पद्मश्री अनूप जलोटा ने कहा, "संगीत में एक ऐसी शक्ति होती है जो हमें परमात्मा से जोड़ने की क्षमता रखती है, और `माते लक्ष्मी माते` इस दिव्य जुड़ाव का अद्भुत उदाहरण है." सोनू निगम ने भी भजन के महत्व पर प्रकाश डाला, "भक्ति संगीत हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने का एक उत्तम साधन है, और यह भजन देवी लक्ष्मी को समर्पित भक्ति का सबसे अच्छा उदाहरण है."
मनोरंजन जगत की चर्चित हस्ती, स्मिता ठाकरे ने इस भजन की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा, "यह भजन आज की भागमभाग भरी दुनिया में शांति और संतोष का अनुभव कराता है. इस तरह की रचनाएं हमारे अंदर की आध्यात्मिकता को पुनर्जीवित करती हैं." आईएसएएमआरए के संस्थापक और सीईओ संजय टंडन, जो कलाकारों के अधिकारों के समर्थन में हमेशा अग्रणी रहे हैं, ने इस भजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “`माते लक्ष्मी माते` जैसी रचना भक्ति संगीत की सीमाओं से परे जाकर सभी को एकजुट करती है. यह देवी लक्ष्मी के प्रति हमारी आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है, और मुझे इस परियोजना का हिस्सा बनने पर गर्व है.”
कार्यक्रम का शुभारंभ एक गर्मजोशी भरे स्वागत के साथ हुआ, जिसके बाद भजन का औपचारिक अनावरण किया गया. भजन के रचनाकार मीनल निगम, ललिता गोयनका और संजीव कोहली ने अपनी रचना प्रक्रिया और भजन के निर्माण की प्रेरणा के बारे में बताया. इसके बाद सभी को इस भजन का एक विशेष दो मिनट का अंश सुनाया गया, जिसने सभी को भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंग दिया. मीनल निगम ने अपनी खुशी और आभार व्यक्त करते हुए कहा, “देवी लक्ष्मी की महिमा का गान करने का सौभाग्य मुझे मिला है, यह मेरे लिए एक बहुत बड़ा सम्मान है. मुझे उम्मीद है कि यह भजन सभी को शांति, समृद्धि, और आशीर्वाद का अनुभव कराएगा.”
"माते लक्ष्मी माते" भजन का हर शब्द और संगीत श्रोताओं को देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद की अनुभूति कराने का प्रयास करता है. यह भजन अपने गहरे बोल और संजीवनी धुन के साथ न केवल आध्यात्मिक कार्यक्रमों में बल्कि व्यक्तिगत भक्ति के क्षणों में भी एक आदर्श विकल्प साबित होता है.
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