Updated on: 04 November, 2024 02:51 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
हेलेना ने फेसबुक पर रविवार को आखिरी पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि अजीब महसूस हो रहा है. मिली-जुली भावनाएं और पता नहीं क्यों, असमंजस में हूं.
हेलेना ल्यूक, मिथुन चक्रवर्ती तस्वीर/फेसबुक, एएनआई
दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती की पहली पत्नी और गुजरे जमाने की अभिनेत्री हेलेना ल्यूक का अमेरिका में निधन हो गया. उनके निधन की खबर डांस आइकन कल्पना अय्यर ने शेयर की. हेलेना ने फेसबुक पर रविवार को आखिरी पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि अजीब महसूस हो रहा है. मिली-जुली भावनाएं और पता नहीं क्यों, असमंजस में हूं. बताया जाता है कि वह ठीक नहीं थीं और समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाई, जिसके कारण उनकी मौत हो गई. तलाक के लिए अर्जी दाखिल करने से पहले हेलेना ने मिथुन से चार महीने तक शादी की थी.
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स्टारडस्ट पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में हेलेना ने मिथुन के साथ अपनी शादी के बारे में बताया. उन्होंने कहा, "मैं केवल यही चाहती हूं कि ऐसा न होता, उसने ही मेरा ब्रेन-वाश किया और मुझे विश्वास दिलाया कि वह मेरे लिए सही व्यक्ति है, दुर्भाग्य से, वह सफल हो गया. मैं उसके पास कभी वापस नहीं जाऊंगी, भले ही वह सबसे अमीर आदमी क्यों न हो. मैंने गुजारा भत्ता भी नहीं मांगा, यह एक बुरा सपना था."
हेलेना ने कहा, "जब उसने मुझसे कहा कि वह मुझसे प्यार करता है, तो मुझे उस पर वाकई विश्वास हो गया. लेकिन जब मैंने उसे बेहतर तरीके से जाना, तो मुझे एहसास हुआ कि वह किसी और से नहीं बल्कि खुद से प्यार करता था. वह बेहद अपरिपक्व था, और हालाँकि मैं उससे कई साल छोटी थी, लेकिन मैं खुद को उससे कहीं ज़्यादा बड़ी महसूस करती थी. वह बहुत ज़्यादा अधिकार जताता था और मुझ पर अपने पूर्व प्रेमी जावेद से चुपके से मिलने का आरोप लगाता था. मैं उसे समझाने की कोशिश में बहुत नाराज़ हो जाती थी कि मैंने ऐसा नहीं किया, लेकिन उसके गहरे संदेहास्पद स्वभाव को खत्म करने में सफल नहीं हो पाती थी. बाद में ही मुझे एहसास हुआ कि उसे अपराधबोध था. वह खुद मेरी पीठ पीछे बेवकूफ़ी कर रहा था और सोचता था कि मैं भी वही कर रही हूँ.” बाद में मिथुन ने अभिनेत्री योगिता बाली से शादी की. दोनों के चार बच्चे हैं, मिमोह, उश्मे चक्रवर्ती, नमाशी चक्रवर्ती और एक गोद ली हुई बेटी दिशानी चक्रवर्ती.
70वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में, मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनके करियर की शुरुआत 1976 में फ़िल्म `मृगया` से हुई, जिसमें एक संथाल विद्रोही की भूमिका के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला. इसके बाद उन्होंने `ताहादेर कथा` (1992) और `स्वामी विवेकानंद` (1998) में अपने अभिनय के लिए दो और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते.
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