Updated on: 25 January, 2025 12:07 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
वह प्रसिद्ध गुरु पान अरुण और सुभाष जी कशालकर की प्रमुख शिष्य हैं.
एमएसयू
आगरा में एमएसयू के प्रदर्शन कला संकाय के गायन विभाग द्वारा शास्त्रीय संगीत शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें ग्वालियर घराने की युवा गायिका श्रीमती सुगंधा लातूरकर साईनाथ ने गायन सहित विभाग के 150 से अधिक विद्यार्थियों के समक्ष `बंदिशो द्वारा शास्त्रीय संगीत का रागविस्तार` विषय पर व्याख्यान दिया. वह प्रसिद्ध गुरु पान अरुण और सुभाष जी कशालकर की प्रमुख शिष्य हैं.
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प्रारंभ में विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश केलकर ने स्वागत भाषण दिया, विभाग का परिचय दिया तथा विभिन्न संगीत गतिविधियों का चित्र प्रस्तुत किया. राग भीमपलासी को माध्यम बनाकर उन्होंने अलग-अलग ताल में 6 पारंपरिक और गुरुजन बंदिशें सिखाईं. इस बीच उन्होंने शब्दों के उच्चारण, अल्पावधि और मौन के महत्व को भी समझाया. फिर छात्रों को राग नट भैरव और बेहद अप्रचलित राग पंचम में पारंपरिक बंदिशें सिखाई गईं.
उन्होंने छात्रों को भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य परंपरा के महत्व, गुरुओं के प्रशिक्षण, गुरुओं से प्राप्त मार्गदर्शन, साधना के माध्यम से व्यक्तित्व में परिपक्वता कैसे विकसित की जा सकती है, के बारे में बताया. स्वरों का सटीक संबंध, स्वरों का स्वतंत्र महत्व, रागों में स्वरों का अध्ययन, रियाज में अनुशासन, एकाग्रता का महत्व आदि के बारे में जानकारी दी गई.
वह विद्यार्थियों के साथ सहजता से घुल-मिल गये और अपना पूरा सत्र प्रस्तुत किया. उन्होंने पूरे कार्यक्रम से छात्रों, शिक्षकों और उत्साही लोगों को प्रभावित किया. और विद्यार्थियों ने उन प्रश्नों के सुन्दर उत्तर दिये. तबले पर पंडित मानस वोरा और हारमोनियम पर सांगती कॉलेज की छात्रा कुमारी मुस्कान पाटीदार ने संगत की.
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