Updated on: 27 July, 2025 05:15 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इस बार यह जादू उस पल से शुरू हुआ जब हर हाई ज्वेलरी रचना का पहला कदम रखा गया — जयपुर, भारत में परिपूर्ण, जीवंत रत्नों की खोज से.
प्रियंका चोपड़ा
बुल्गारी में, हर हाई क्लास ज्वेलरी की बेहतरीन डिजाइन की शुरुआत एक चिंगारी से होती है: एक ऐसा रत्न जिसकी ऊर्जा, रंग और आकर्षण कल्पनाशक्ति को जाग्रत करता है और रचनात्मकता की दिशा तय करता है. इस बार यह जादू उस पल से शुरू हुआ जब हर हाई ज्वेलरी रचना का पहला कदम रखा गया — जयपुर, भारत में परिपूर्ण, जीवंत रत्नों की खोज से. यहीं पर बुलगारी की ज्वेलरी क्रिएटिव और जेम्स बायिंग डायरेक्टर लूसिया सिल्वेस्त्री फिर से आईं, उन अनमोल रत्नों को चुनने जिसको मई में प्रस्तुत की गई जो `पॉलीक्रोमा` बुलगारी की नई हाई ज्वेलरी कलेक्शन की दिल की धड़कन बनेंगे.
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खोज की इस जीवंत यात्रा में उनके साथ एक विशेष अतिथि शामिल हुईं: बुलगारी की ग्लोबल एंबेसडर प्रियंका चोपड़ा जोनास, जिन्होंने इस भूमि से अपने जुड़ाव को फिर से महसूस किया और देखा कि कैसे भावनाएं, अनुभव और अंतर्ज्ञान मिलकर बुलगारी की रचनात्मक प्रक्रिया की पहली झलक बनाते हैं. "गुलाबी नगरी" के नाम से मशहूर जयपुर रंगीन रत्नों की ग्लोबल राजधानी है—सदियों पुरानी तकनीकों, अद्भुत शिल्पकार और रुबेलाइट्स, पन्ना (एमराल्ड), टूमरलाइन और नीलम के संग्रह का घर. लूसिया सिल्वेस्ट्री, जो अपने करियर में 40 से ज़्यादा बार जयपुर आ चुकी हैं, उनके लिए यह शहर असाधारण सामग्रियों के स्रोत से कहीं बढ़कर है. यह शहर सिर्फ अद्वितीय रत्नों का स्रोत नहीं है, बल्कि रंगों की संस्कृति के प्रति एक जीवंत श्रद्धांजलि है — जहाँ प्रकृति के खजाने मानवीय कलाकारी से मिलते हैं.
भारत में जन्मीं और दुनियाभर में पली-बढ़ी प्रियंका चोपड़ा जोनास के लिए यह यात्रा अपनी जड़ों से व्यक्तिगत रूप से जुड़ने का अवसर था. जयपुर के समृद्ध रंगों और परंपराओं में डूबी प्रियंका ने लूसिया के साथ रत्नों की पारंपरिक कटिंग की कला को नजदीक से देखा और अनुभव किया — जिससे उनका इस भूमि और इसकी सांस्कृतिक विरासत से संबंध और गहरा हुआ. यह परंपरा और नवाचार का सशक्त संगम था—जहाँ भारत की शाश्वत भावना बुल्गारी की साहसिक रचनात्मक दृष्टि से मिलती है. बुल्गारी के रचनात्मक दुनिया में रंग सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि उसकी आत्मा है. यह एक ऐसी भाषा है जो भावनाओं, गति, आनंद और पहचान को व्यक्त करती है. प्रत्येक रत्न, जिसे उसके रंग, चमक, आकार और ऊर्जा के लिए चुना जाता है, एक गहन सहज प्रक्रिया की शुरुआत का प्रतीक है जहाँ कल्पना उड़ान भरती है. लूसिया के लिए, रत्न का चयन प्रेम का एक उदाहरण है. वह कहती हैं, "जैसे ही मुझे सही रत्न दिखाई देता है, उसी पल से सपना शुरू हो जाता है. रंग में कुछ खास बात है—यह यादें ताज़ा करता है, विचारों को प्रेरित करता है, और डिज़ाइन को कागज़ पर आने से पहले ही जीवंत बना देता है.”
जयपुर के रत्न व्यापारियों के साथ वर्षों से बनें रिश्ते — जो विश्वास और सम्मान पर आधारित हैं — लूसिया को एक ऐसी दुनिया में ले जाते हैं जो आमतौर पर बाहरी लोगों के लिए अदृश्य होती है. अपने लंबे समय से जुड़े आपूर्तिकर्ताओं के साथ बिताए प्रेरणादायक क्षणों में, और जयपुर के ऐतिहासिक महलों व जीवंत गलियों के बीच, लूसिया ने प्रियंका को बुलगारी की हाई ज्वेलरी की चमक-दमक के पीछे की अंतरंग और अनदेखी दुनिया से परिचित कराया: कारीगर और रत्न के बीच की मूक बातचीत, खोज की उत्तेजना और केवल एक चमकदार रत्न से खुलने वाली असीम रचनात्मक संभावनाएँ.
इस यात्रा ने बुल्गारी के हाई ज्वेलरी की उत्पत्ति को देखने का एक दुर्लभ और भावनात्मक अवसर थी — जहाँ अंतर्ज्ञान, सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति के चमत्कार मिलकर एक सशक्त संवाद रचते हैं. जयपुर में रत्नों का सावधानीपूर्वक चयन हो जाने के बाद, तब वे रोम की ओर अपनी यात्रा शुरू करते हैं — और पहुँचते हैं लूसिया सिल्वेस्त्री की डेस्क पर, जहाँ असली जादू आकार लेता है. यहाँ, लूसिया अनगिनत संयोजनों और संभावनाओं के साथ प्रयोग करती हैं, और उस संपूर्ण सामंजस्य की तलाश करती हैं जो रत्नों में जान डाल दे. वह कभी भी किसी रत्न को तब तक अंतिम रूप नहीं देतीं जब तक यह तय न हो जाए कि वह किस रूप में ढलेगा. लेकिन रचनात्मक अभिव्यक्ति और अंतर्ज्ञान के इन्हीं क्षणों में प्रारंभिक स्वप्न मूर्त रूप लेता है.
जब सही संतुलन मिल जाता है, तो लूसिया डिज़ाइन सेंटर के साथ मिलकर इस कल्पना को स्केच में ढालती हैं. फिर ये डिज़ाइन बुलगारी के मास्टर कारीगरों के पास जाते हैं, जो इस टू-डायमेंशन कल्पना को थ्री-डायमेंशन डिजाइन में बदल देते हैं. यह प्रतिभाओं का एक सामंजस्यपूर्ण संगम होता है, जो समर्पण और अनगिनत परिशोधनों के माध्यम से रचना को तब तक परिपूर्ण बनाता है जब तक कि दोष-रहित सुंदरता प्राप्त न हो जाए.
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