Updated on: 22 September, 2024 04:17 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
रानी और बच्चों ने मिलकर आसमान में लाल और सफेद गुब्बारे छोड़े, जिससे एक खास एकजुटता का पल बना. इस पहल ने न केवल बच्चों को खुशी दी, बल्कि कैंसर से लड़ने वाले लोगों के लिए जागरूकता भी बढ़ाई.
वर्ल्ड रोज़ डे हर साल 22 सितंबर को कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और कैंसर पीड़ितों तथा उनके परिवारों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाता है.
रानी मुखर्जी ने कैंसर मरीजों की मदद करने वाले संगठन, कैंसर पेशेंट्स एड एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक भावनात्मक कार्यक्रम में कैंसर से जूझ रहे बच्चों के साथ रोज़ डे मनाया. इस प्रतिष्ठित भारतीय अभिनेत्री ने बच्चों को गुलाब और उपहार बांटकर इस महत्वपूर्ण उद्देश्य का समर्थन किया. इस कार्यक्रम के दौरान, रानी ने बच्चों से संवाद किया, उन्हें प्रोत्साहित किया और हौसला बढ़ाया. इस आयोजन का मुख्य आकर्षण था बच्चों के साथ बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर एक ओपन बस की सवारी, जो कैंसर प्रभावित लोगों के सम्मान में लाल रोशनी से जगमगा रही थी. रानी और बच्चों ने मिलकर आसमान में लाल और सफेद गुब्बारे छोड़े, जिससे एक खास एकजुटता का पल बना. इस पहल ने न केवल बच्चों को खुशी दी, बल्कि कैंसर से लड़ने वाले लोगों के लिए जागरूकता भी बढ़ाई.
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रानी मुखर्जी ने कार्यक्रम में कहा, "बच्चे रोज़ डे की टी-शर्ट और मिलते-जुलते कैप्स में बहुत प्यारे लग रहे हैं. मैं आप सबके साथ समय बिताकर बेहद खुश हूं. मुझे यहां बुलाने के लिए आपका बहुत धन्यवाद. आप सभी छोटे फरिश्तों जैसे हैं. मैं यहां मौजूद सभी माता-पिता से कहना चाहती हूं कि आपके सहयोग के बिना आपके बच्चे इस लड़ाई को नहीं लड़ पाते. मैं आप सभी को सलाम करती हूं."
उन्होंने आगे कहा, "कृपया अपने बच्चों के लिए मजबूत बने रहें. मैं भी एक मां हूं और समझती हूं कि केवल हमारा प्यार और समर्थन ही हमारे बच्चों को इस लड़ाई को जीतने की ताकत दे सकता है. मेरी प्रार्थनाएं आप सभी के साथ हैं, और मैं यहां आने के लिए अत्यधिक आभारी हूं, विशेष रूप से इन अद्भुत बच्चों के साथ. मैं बहुत अभिभूत और विनम्र महसूस कर रही हूं. एक बार फिर से धन्यवाद, मुझे यहां आमंत्रित करने और मेरे दिन को खास बनाने के लिए."
वर्ल्ड रोज़ डे हर साल 22 सितंबर को कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और कैंसर पीड़ितों तथा उनके परिवारों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाता है. इस महत्वपूर्ण दिन की शुरुआत 2000 में 12 वर्षीय मेलिंडा रोज़ द्वारा की गई थी, जिन्होंने टर्मिनल कैंसर से बहादुरी से लड़ाई लड़ी.
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