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संगीत उद्योग में क्रांति: ISAMRA के माध्यम से गायकों और संगीतकारों को मिल रही उचित रॉयल्टी

Updated on: 19 June, 2024 02:29 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

हाल ही में, ISAMRA ने 22.5 करोड़ रुपये की रॉयल्टी का वितरण किया है, जो 122 रेडियो स्टेशनों पर प्रसारित गीतों पर आधारित है.

 संजय टंडन ने बताया,

संजय टंडन ने बताया, "मैं संगीत लेबलों का आभार व्यक्त करता हूं जिनके साथ ISRA ने ऐतिहासिक समझौता किया, जिससे संगीत समुदाय के लिए यह महत्वपूर्ण दिन संभव हो पाया."

Sanjay Tandon Interview: भारतीय गायक और संगीतकार अधिकार संघ (ISAMRA) एक संगठन है जो भारतीय गायक और संगीतकारों के अधिकारों और रॉयल्टी के संरक्षण और प्रबंधन के लिए काम करता है. ISAMRA का उद्देश्य है कि भारतीय कलाकारों को उनकी कला के लिए उचित और नियमित रॉयल्टी मिले और उनके कॉपीराइट का संरक्षण हो. ISAMRA भारतीय गायकों और संगीतकारों के लिए रॉयल्टी संग्रह करती है और इसे सही समय पर और पारदर्शी तरीके से वितरित करती है. हाल ही में, ISAMRA ने 22.5 करोड़ रुपये की रॉयल्टी का वितरण किया है, जो 122 रेडियो स्टेशनों पर प्रसारित गीतों पर आधारित है. ISAMRA न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय कलाकारों के लिए रॉयल्टी संग्रह करती है. यह एक अनोखी पहल है जो पहले कभी नहीं की गई थी.

ISAMRA के संस्थापक, निदेशक और सीईओ संजय टंडन हैं. उन्होंने भारतीय संगीत उद्योग में कॉपीराइट के सामूहिक प्रबंधन की शुरुआत की है और ISAMRA को एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संगठन के रूप में विकसित किया है. टंडन ने भारतीय प्रदर्शन अधिकार समाज लिमिटेड (IPRS) को भी मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वे भारत और विदेश में कॉपीराइट आंदोलन से बहुत निकटता से जुड़े रहे हैं. मिड-डे ने संजय टंडन से इस विषय में बात की.


बातचीत में संजय टंडन ने बताया, "मैं संगीत लेबलों का आभार व्यक्त करता हूं जिनके साथ ISRA ने ऐतिहासिक समझौता किया, जिससे संगीत समुदाय के लिए यह महत्वपूर्ण दिन संभव हो पाया. 8 से 9 साल पहले रॉयल्टी के पैसे लेने में काफी मुश्किल होती थी, लेकिन जब से म्यूजिक कंपनी और ISAMRA ने हाथ मिलाया है, तब से चीजें थोड़ी आसान हुई हैं. पिछले अप्रैल को हम सब एक साथ आए और यह समझौता किया कि हम रॉयल्टी के लिए सीधे मार्केट में जाकर पैसे संग्रह नहीं करेंगे. म्यूजिक कंपनी पैसे लेगी और गायकों-म्यूजिशियनों को देगी. अब जो रॉयल्टी गायकों और म्यूजिशियनों को मिल रही है, वह म्यूजिक कंपनी द्वारा हमें दी जाती है."


टंडन ने बताया, "रॉयल्टी का लाभ गायक और म्यूजिशियन के परिवारों को भी मिलेगा. गाना रिलीज होने के 60 साल तक गायक और म्यूजिशियन को रॉयल्टी मिलती रहेगी. उनके बाद उनके परिवारों को भी रॉयल्टी प्राप्त होगी. इस व्यवस्था से न केवल कलाकारों को बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक सुरक्षा मिलती है."


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