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बेटी के जन्म के बाद पहली बार नजर आईं ऋचा चड्ढा, मिला `आई एम वुमन` अवॉर्ड का सम्मान

Updated on: 16 September, 2024 03:17 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

जी हां, महिला सशक्तिकरण के एक पावरफुल इवेंट में, अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने "आई एम वूमन" अवार्ड्स में आकर मौके की गरिमा को और बढ़ा दिया .

ऋचा चड्ढा

ऋचा चड्ढा

बॉलीवुड की दमदार अदाकारा जिसकी एक्टिंग किसी भी परिचय का मोहताज नही, धाकड़ और बिंदास शक्शियत का गहना अभिनेत्री ऋचा चड्ढा. बेटी के जन्म के बाद पहली बार एक खास अवार्ड फंक्शन में नजर आयी. जी हां, महिला सशक्तिकरण के एक पावरफुल इवेंट में, अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने "आई एम वूमन" अवार्ड्स में आकर मौके की गरिमा को और बढ़ा दिया . यहां उन्हें "वुमन ऑफ़ सब्सटेंस अवार्ड" से सम्मानित किया गया.

करण गुप्ता एजुकेशन फाउंडेशन (KGEF) और IE यूनिवर्सिटी द्वारा प्रस्तुत इस पांचवे संस्करण कार्यक्रम में  महिलाओं की उपलब्धियों और नेतृत्व का जश्न एक अनोखे अंदाज में मनाया गया. KGEF के संस्थापक और IE यूनिवर्सिटी के प्रबंध निदेशक डॉ. करण गुप्ता ने ऋचा चड्ढा की उपलब्धियों और उनके उम्दा अभिनय की प्रशंसा की और उन्हें इस अवार्ड का सच्चा हकदार बताया. गुप्ता ने कहा, "ऋचा चड्ढा एक अद्भुत महिला हैं, जो अपनी बात कहने से कभी नहीं डरतीं. उनका साहस और दृढ़ विश्वास उनके फिल्मी करियर से परे है, क्योंकि वह महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक न्याय की पूरी लगन से वकालत करती हैं." 


 डॉ. गुप्ता ने "आई एम वूमन" के पीछे के सिद्धांत को आगे समझाया: "आई एम वूमन" के पीछे की सोच इस विश्वास पर आधारित है कि जब महिलाएं एक साथ आती हैं, तो वे बदलाव के लिए एक अजेय शक्ति का निर्माण करती हैं. इस मंच की कल्पना एक ऐसे स्थान के रूप में की गई थी जहाँ विभिन्न क्षेत्रों की महिलाएँ एक-दूसरे का समर्थन करने, सीखने और प्रेरित करने के लिए एकत्रित हो सकती हैं. इसकी स्थापना इस विचार पर की गई थी कि जहां सफलता की कहानियाँ साझा करने से दूसरों को अपनी चुनौतियों से उबरने में मदद मिल सकती है." 


पैनल में डेलोइट की प्रबंध निदेशक मीनल देशपांडे, महिला अधिकारों की प्रमुख आवाज़ एडवोकेट मृणालिनी देशपांडे और विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता स्वर्णलता जे, ABDL की उपाध्यक्ष रेशम छाबड़िया जैसी उल्लेखनीय हस्तियाँ शामिल थीं.  इन चर्चाओं का संचालन रोहित रॉय, जायद खान और मधु शाह जैसी प्रभावशाली हस्तियों ने किया, जिन्होंने महिलाओं की उपलब्धियों और चुनौतियों के उभरते परिदृश्य में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की.

वुमन ऑफ सब्सटेंस के रूप में ऋचा चड्ढा की पहचान ने फिल्म उद्योग में उनके महत्वपूर्ण प्रभाव और महिलाओं के अधिकारों के लिए उनकी अथक वकालत का जश्न मनाया. उनका काम सिनेमा से परे है, अपने मंच का उपयोग कम प्रतिनिधित्व वाली आवाज़ों का समर्थन करने और महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए करती है. केजीईएफ और आईई यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग विविधता, समावेश और महिलाओं के सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिए एक साझा प्रतिबद्धता को उजागर करता है, जो एक अधिक समावेशी और सहायक वैश्विक समुदाय बनाने का प्रयास करता है.


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