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एम्स्टर्डम में संग्राम सिंह का MMA 2 डेब्यू , कहा- `झुकने नहीं दूंगा`

Updated on: 02 November, 2025 06:57 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

दो बार के चैंपियन (2015–16) संग्राम 2 नवम्बर को भिड़ेंगे.

संग्राम सिंह

संग्राम सिंह

हरियाणा की मिट्टी में पले-बढ़े पहलवान और अभिनेता संग्राम सिंह अब यूरोप के अखाड़े में भारत की शान बनने जा रहे हैं. दो बार के कॉमनवेल्थ हेवीवेट रेसलिंग चैंपियन (2015–16) संग्राम 2 नवम्बर को एम्स्टर्डम, नीदरलैंड्स में होने वाले लेवल्स फाइट लीग (Levels Fight League) में 93 किलो वज़न वर्ग में ट्यूनिशिया के फाइटर हकीम त्राबेलसी से भिड़ेंगे.

यह केवल एक मुकाबला नहीं — बल्कि भारत की आत्मा की दहाड़ है. संग्राम कहते हैं, “मैं जान दे सकता हूं, लेकिन देश का नाम झुकने नहीं दूंगा. यह सिर्फ एक फाइट नहीं, यह भारत की कहानी है.” अखाड़े की मिट्टी से लेकर अंतरराष्ट्रीय एरीना तक पहुंचने की उनकी यात्रा अनुशासन और संकल्प की मिसाल है. वे रोज़ 12 से 18 घंटे ट्रेनिंग करते हैं. सुबह चार बजे ध्यान और योग से दिन की शुरुआत करते हैं, फिर हल्की दौड़ और MMA की कठिन प्रैक्टिस. “मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता,” वे मुस्कराते हुए कहते हैं, “मैं चाहता हूं कि आने वाली पीढ़ी जाने कि सपनों को साकार करने के लिए समर्पण ही सबसे बड़ा हथियार है.”


बचपन में Rheumatoid Arthritis नामक गंभीर बीमारी से जूझते हुए डॉक्टरों ने कह दिया था कि संग्राम कभी चल नहीं पाएंगे. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. “डॉक्टर ने कहा था कि 99.9 प्रतिशत लोग सामान्य जीवन नहीं जी पाते. मैंने तय किया कि मैं उस 0.1 प्रतिशत में रहूंगा जो कभी हार नहीं मानते.”आज वही व्यक्ति न केवल चल रहा है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने भारत का तिरंगा थामे रिंग में उतरने जा रहा है.



देश के नाम ,हर वार संग्राम के लिए यह लड़ाई व्यक्तिगत नहीं है — यह एक राष्ट्र का प्रतीक है. हर पंच, हर किक में उनका एक ही उद्देश्य है — भारत को गर्व महसूस कराना.“सपनों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती,” वे कहते हैं. “उम्र नहीं, इरादे लड़ते हैं. मैं भारत के लिए लड़ता हूं.” गांव के अखाड़े से लेकर एम्स्टर्डम की रोशनी तक, संग्राम सिंह उस नए भारत के प्रतीक हैं जो सीमाओ को नहीं मानते. हजारों दर्शकों के बीच और करोड़ों दिलों में, जब वह केज में उतरेंगे, तो यह केवल खेल नहीं रहेगा — यह एक घोषणा होगी कि भारत सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं करता, भारत विजय की परिभाषा बदल देता है. जो 2 नवम्बर 2025 को रात 8 बजे एम्स्टर्डम, नीदरलैंड्स में इतिहास रचने को तैयार हैं .क्योंकि जब हरियाणा का शेर दहाड़ता है, तब दुनिया उसकी दहाड़ सुनती है.


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