Updated on: 06 November, 2024 12:05 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
सूरज बड़जात्या ने दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर के लिए एक प्रशंसा पत्र लिखा है, जिसमें उनकी 40 साल पुरानी दोस्ती और रचनात्मक सहयोग को याद किया गया है.
सूरज बड़जात्या लिखते हैं, मैंने हिंदी सिनेमा में अनुपम सर के 40 साल लंबे सफर को करीब से देखा है.
फिल्म निर्माता सूरज बड़जात्या और दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर पिछले चार दशकों से रचनात्मक सहयोगी और दोस्त रहे हैं! बहुत कम लोग जानते हैं कि सूरज और अनुपम की पहली मुलाकात महेश भट्ट निर्देशित फिल्म सारांश के सेट पर हुई थी. यह अनुपम का डेब्यू था, और उस समय सूरज बड़जात्या इस राजश्री प्रोडक्शंस की क्लासिक फिल्म में चौथे सहायक निर्देशक के रूप में काम कर रहे थे. राजश्री प्रोडक्शंस के आधिकारिक सोशल मीडिया पर, सूरज बड़जात्या ने अपने दोस्त और सहयोगी अनुपम खेर के लिए प्रशंसा पत्र लिखा है, जो उनके 40 साल के फिल्मी सफर को सलाम करता है.
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सूरज बड़जात्या लिखते हैं, “मैंने हिंदी सिनेमा में अनुपम सर के 40 साल लंबे सफर को करीब से देखा है. सारांश के सेट पर मैं चौथा सहायक निर्देशक था, और वहीं से हमारी दोस्ती और साथ का सफर शुरू हुआ. उन्होंने मुझे मेरा पहला काम दिया, जो था उन्हें सारांश की स्क्रिप्ट लाकर देना.”
उन्होंने आगे लिखा, मैंने उन्हें हम आपके हैं कौन, विवाह, प्रेम रतन धन पायो और हाल ही में ऊंचाई में निर्देशित किया. अनुपमजी मेरे करियर के महत्वपूर्ण पलों का हिस्सा रहे हैं और शायद मैं भी उनके सफर का हिस्सा रहा हूं. शायद यही कारण है कि हमारा बंधन इतना खास है. हम दोनों ने एक-दूसरे को बढ़ते हुए देखा है, अपने ऊंच-नीच साझा किए हैं, और हमारी दोस्ती ने समय की हर कसौटी को पार किया है.”
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक अनुपम खेर को अभिनय की एक संस्था मानते हैं. वह कहते हैं, “अनुपमजी मेरे लिए अभिनय की एक संस्था हैं. जितना अधिक आप उन्हें गौर से देखते हैं, उतनी ही बारीकियां और परतें नज़र आती हैं. इस पीढ़ी के सभी उभरते और सफल अभिनेता अनुपमजी के अभिनय को देखकर बहुत कुछ सीख सकते हैं.”
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वह आगे लिखते हैं, “विजय 69 का ट्रेलर देखकर मैं स्तब्ध रह गया. 69 साल की उम्र में भी अनुपमजी की भूख बरकरार है, वह आज भी नए मानक स्थापित करने की चाह रखते हैं. मैं उन्हें देखकर प्रेरित होता हूं और विजय 69 में उनकी उत्कृष्टता के सफर को देखकर उनका समर्थन करता हूं. अनुपमजी जैसा कोई नहीं है. मुझे यकीन है कि अपने 40वें साल में सिनेमा में वह एक और यादगार प्रदर्शन के साथ हमें भावुक करेंगे. हम सब भाग्यशाली हैं कि उनके इस अद्भुत सफर के गवाह हैं.”
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