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7 साल बाद भी तुंबाड है मॉडर्न क्लासिक, सोहम शाह ने साझा की कहानी की प्रेरणा

Updated on: 12 October, 2025 10:20 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

साल 2018 में रिलीज़ हुई फिल्म तुंबाड ने अपनी अनोखी कहानी और खूबसूरत प्रस्तुतिकरण से दर्शकों का दिल जीत लिया. अब 7 साल बाद, अभिनेता और निर्माता सोहम शाह ने फिल्म बनाने के पीछे की असली सोच साझा की.

Facebook Pic, Sohum Shah

Facebook Pic, Sohum Shah

साल 2018 में जब तुंबाड रिलीज़ हुई, तब इसने चुपचाप सभी फिल्मी शैलियों की सीमाओं को तोड़ा और खुद के लिए एक खास जगह बनाई. यह फिल्म देखने में खूबसूरत और कहानी में भावनाओं से भरी हुई थी. शुरुआत में बॉक्स ऑफिस पर कमाई कम थी, लेकिन समय के साथ इसकी पॉपुलैरिटी बढ़ती गई और अब यह एक मॉडर्न क्लासिक बन चुकी है, जिसके अपने खास फैंस हैं.

अभिनेता और निर्माता सोहम शाह, जो तुंबाड के पीछे की ताकत और चेहरा हैं, अपनी यात्रा के बारे में ईमानदारी से बताते हैं, “मुझे लगता है कि तुंबाड के पीछे का मकसद हमेशा बहुत साफ था. जिसने भी इस पर काम किया, उसने बहुत प्यार और जूनून के साथ किया, और वही ईमानदारी दर्शकों तक पहुंची. इसी वजह से तुंबाड को आज जो प्यार और जगह मिली है, वह हासिल हुई. हालांकि शुरुआत में बॉक्स ऑफिस पर यह ज्यादा सफल नहीं हुई, लेकिन समय के साथ लोगों ने इसे देखा और अपनाया, खासकर इसकी फिर से रिलीज़ के बाद.”


अब, छह साल की तैयारी के बाद तुंबाड 2 की काम शुरू हो चुकी है और दर्शकों में काफी उत्सुकता है. लेकिन शाह अपनी रचनात्मक सोच में जमे हुए हैं. उन्होंने आगे कहा, “तुंबाड 2 के बारे में मैं नहीं जानता कि इसकी विरासत कैसे बनेगी, लेकिन एक कलाकार के तौर पर मेरा मानना है कि हमें दबाव में काम नहीं करना चाहिए. हमेशा ईमानदारी पर ध्यान देना चाहिए.” वह आगे कहते हैं, “तुंबाड बनाने में हमें सात साल लगे, और तुंबाड 2 लिखने में छह साल. हम इसे उसी सच्चाई और मेहनत के साथ आगे बढ़ा रहे हैं, और मुझे उम्मीद है कि यह सच नई कहानी में भी झलकेगा.”



 


 

सोहम शाह और उनके बैनर, सोहम शाह फिल्म्स, ने आधिकारिक रूप से पेन स्टूडियोज़ के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की है, जिनके प्रमुख हैं इंडस्ट्री के अनुभवी जयंतिलाल गड़ा, ताकि लंबे समय से प्रतीक्षित सीक्वल, तुंबाड 2, बनाई जा सके. यह फिल्म दर्शकों को उस दुनिया में और गहराई तक ले जाएगी जिसने भारत में हिंदी लोककथाओं की परिभाषा बदल दी थी.

आखिर में, तुंबाड उन खास फिल्मों में से है जो भारतीय लोककथाओं को पूरी इज्जत और सम्मान देती है. सात साल बाद भी इसे उसके हर पहलू के लिए याद किया जाता है और यह आज भी भारत की सबसे खूबसूरत फिल्म मानी जाती है. और हम बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि तुंबाड 2 में हमें क्या नया देखने को मिलेगा.

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