Updated on: 06 December, 2024 03:05 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
निर्माता वाशु भगनानी को बांद्रा न्यायालय से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने फिल्म `बड़े मियां छोटे मियां` के निर्देशक अली अब्बास जफर, सह-निर्माता हिमांशु मेहरा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.
03 सितंबर 2024 को वाशु भगनानी ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.
निर्माता वाशु भगनानी के लिए यह मामला एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जहां मुंबई के बांद्रा न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बांद्रा पुलिस स्टेशन को फिल्म निर्देशक अली अब्बास जफर, सह-निर्माता हिमांशु मेहरा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. इस मामले में आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग), 500 (आपराधिक मानहानि) और 506 (आपराधिक धमकी) शामिल हैं. आरोप है कि फिल्म `बड़े मियां छोटे मियां` की शूटिंग के दौरान वाशु भगनानी के फर्जी हस्ताक्षर कर करोड़ों रुपये का गबन किया गया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
03 सितंबर 2024 को वाशु भगनानी ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म निर्माण के दौरान उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए और भारी आर्थिक अनियमितता की गई. पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने के बाद भगनानी ने बांद्रा मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आदेश दिया कि बांद्रा पुलिस स्टेशन आरोपियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करे.
02 दिसंबर 2024 को दिए अपने फैसले में माननीय न्यायालय ने कहा कि आरोप गंभीर और गैर-जमानती हैं. धोखाधड़ी और गबन की गई धनराशि बहुत अधिक है और लेनदेन का दायरा व्यापक है. अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि जांच के लिए विभिन्न एजेंसियों की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि इसमें कई दस्तावेज शामिल हैं. न्यायालय ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए, जिससे भगनानी के पक्ष में कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई.
यह घटनाक्रम 2024 की बहुप्रतीक्षित फिल्म `बड़े मियां छोटे मियां` के रिलीज के बाद उठे विवादों को फिर से सुर्खियों में ले आया है. वाशु भगनानी अब शीघ्र न्याय की उम्मीद कर सकते हैं, क्योंकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्ध जांच का प्रावधान है.
नए कानून की समयसीमा तय करने वाली प्रक्रिया के तहत इस मामले में न्याय मिलने की संभावना प्रबल हो गई है. अब पूरे फिल्म जगत की निगाहें इस कानूनी लड़ाई के परिणाम पर हैं, जो फिल्म निर्माण प्रक्रिया में पारदर्शिता और वित्तीय जवाबदेही के लिए एक नजीर बन सकता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT