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‘अरे जा रे हट नटखट’ फेम दिग्गज अभिनेत्री संध्या शांताराम का निधन, शिवाजी पार्क में हुआ अंतिम संस्कार

Updated on: 04 October, 2025 03:40 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

87 वर्षीय दिग्गज अभिनेत्री संध्या शांताराम का निधन हो गया. ‘अरे जा रे हट नटखट’, ‘झनक जनक पायल बाजे’, ‘दो आंखें बारह हाथ’ और ‘पिंजरा’ जैसी यादगार फिल्मों में अपने अभिनय और नृत्य से दर्शकों का दिल जीतने वाली संध्या का अंतिम संस्कार आज शिवाजी पार्क श्मशान में किया गया.

X/Pics, Ashish Shelar

X/Pics, Ashish Shelar

भारतीय सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री संध्या शांताराम का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. हिंदी और मराठी सिनेमा में अपने अद्भुत अभिनय और नृत्य कौशल से अमिट छाप छोड़ने वाली संध्या जी ने मुंबई में अपनी अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार आज सुबह शिवाजी पार्क श्मशान भूमि में किया गया, जहाँ परिवारजनों, प्रशंसकों और फ़िल्म जगत से जुड़े लोगों ने उन्हें भावपूर्ण विदाई दी.

संध्या शांताराम, जिनका असली नाम विजया देसाई था, भारतीय सिनेमा के दिग्गज फिल्मकार वी. शांताराम की पत्नी थीं. उन्होंने अपनी फिल्मों के ज़रिए भारतीय पारंपरिक नृत्य, स्त्री-संवेदना और सशक्त महिला चरित्रों को परदे पर जीवंत किया. 1955 में आई फिल्म ‘झनक जनक पायल बाजे’ और 1963 की फिल्म ‘दो आंखें बारह हाथ’ में उनके अद्भुत अभिनय ने उन्हें देशभर में पहचान दिलाई.


हालांकि संध्या शांताराम की सबसे यादगार भूमिका 1972 की मराठी फिल्म ‘पिंजरा’ में रही. इस फिल्म में उनके बेजोड़ अभिनय और भावनात्मक अभिव्यक्ति ने मराठी सिनेमा को नई ऊँचाई दी. उनके द्वारा निभाया गया नृत्यांगना का किरदार आज भी सिनेमा प्रेमियों के मन में बसा हुआ है. गीत ‘अरे जा रे हट नटखट’, जिसमें उन्होंने अपनी भाव-भंगिमा और नृत्य से दर्शकों का दिल जीत लिया था, आज भी भारतीय फिल्म इतिहास का अविस्मरणीय हिस्सा है.



उनके निधन की खबर सामने आते ही फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई. भाजपा नेता आशीष शेलार ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “भावपूर्ण श्रद्धांजलि! फिल्म `पिंजरा` की मशहूर अभिनेत्री संध्या शांताराम जी के निधन की खबर बेहद दुखद है. उन्होंने मराठी और हिंदी सिनेमा में अपने अद्भुत अभिनय और नृत्य कौशल से दर्शकों पर एक अलग छाप छोड़ी. फिल्म `झनक जनक पायल बाजे`, `दो आंखें बारह हाथ` और खासकर `पिंजरा` में उनकी अमर भूमिका दर्शकों के जेहन में हमेशा याद रहेगी. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें.”

 


 

भारतीय सिनेमा में संध्या शांताराम का योगदान अतुलनीय रहा है. उन्होंने न केवल अभिनय में बल्कि नृत्य की परंपरा को भी फिल्मों में स्थापित किया. उनके जाने से भारतीय कला-जगत ने अपनी एक अनमोल रत्न को खो दिया है.

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