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खून से लथपथ सैफ को लेकर करीना ने क्या बयान दिया? चार्जशीट में हुए कई खुलासे

Updated on: 15 April, 2025 08:51 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इस बात की भी जानकारी सामने आ गई है कि वारदात के बाद शरीफुल ने क्या किया.

सैफ अली खान

सैफ अली खान

मुंबई पुलिस ने सैफ अली खान मामले में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है. अब पुलिस ने सैफ पर हुए हमले का पूरा ब्यौरा, हर कड़ी और समयरेखा का खुलासा कर दिया है. आरोपपत्र में फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट भी शामिल है. पुलिस के अनुसार, फिंगरप्रिंट का मिलान आरोपी शरीफुल से किया गया. इस बात की भी जानकारी सामने आ गई है कि वारदात के बाद शरीफुल ने क्या किया.

इस आरोपपत्र में गिरफ्तार आरोपी शर्फुल इस्लाम के खिलाफ पुलिस द्वारा पाए गए कई सबूत शामिल हैं. यह आरोपपत्र 1600 पृष्ठों से अधिक लम्बा है. इसमें फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया है. पुलिस को जांच के दौरान आरोपी के बाएं हाथ का फिंगरप्रिंट मिला था, जिसका भी उल्लेख किया गया है.शरीफ़ुल ने मुख्य भवन के द्वार से प्रवेश करने का प्रयास किया, लेकिन वह ऐसा करने में असमर्थ रहा, क्योंकि द्वार पर फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली लगी हुई थी. 


वह डक्ट क्षेत्र से इमारत पर चढ़ गया और पहली मंजिल पर पहुंच गया. वहां से वह सीढ़ियों के रास्ते सैफ के अपार्टमेंट में दाखिल हुए. वह आठ मंजिल सीढ़ियाँ चढ़ गया. मुंबई पुलिस के आरोपपत्र के अनुसार, आरोपी शरीफुल के बैग में एक हैकसॉ ब्लेड, एक पैडल और एक हथौड़ा था. उन्होंने सैफ के घर के केयरटेकर इलियामा फिलिप पर चप्पू से हमला किया और एक करोड़ रुपए की मांग की.


सैफ के घर से निकलने के बाद आरोपी बांद्रा पश्चिम नेशनल कॉलेज बस स्टॉप पर पहुंचे. वहाँ उसने कपड़े बदले और रात बिताई. वह सुबह सात बजे तक सोता रहा. अगली सुबह वह बांद्रा के झील क्षेत्र में पहुंचा, जहां उसने अपना पैडल और पहने हुए कपड़े फेंक दिए. वह 20 मिनट तक बांद्रा पुलिस स्टेशन के बाहर घूमता रहा. बारिश शुरू हो गई और वह सीढ़ियों की ओर चला गया. वहां कुछ चीजें खरीदीं, जिनमें हेडफोन भी शामिल थे. शरीफ़ल ने भुर्जीपाऊ खाया. इसके बाद वह वर्ली के लिए रवाना हो गए. पुलिस ने बताया कि डक्ट क्षेत्र पर मिले फिंगरप्रिंट शरीफुल के फिंगरप्रिंट से मेल खा गए हैं.

अभिनेता सैफ अली खान पर बांद्रा स्थित उनके घर में हमला करने का आरोपी बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद शरीफुल इस्लाम हमले के बाद करीब एक घंटे तक पास की एक इमारत में छिपा रहा. बांद्रा पुलिस ने चार्जशीट में इसका खुलासा किया है. पुलिस ने आरोपपत्र में कहा कि उन्हें सीसीटीवी फुटेज मिली है, जिसमें शरीफुल को 16 जनवरी की रात 1.37 बजे सैफ अली खान के आवासीय भवन सतगुरु शरण की छठी मंजिल पर देखा गया था. करीब एक घंटे बाद, 2.33 बजे, वह दीवार फांदकर पास की इमारत भारती विला में कूदते हुए देखा गया. उस समय पुलिस सतगुरु शरण परिसर में उसकी तलाश कर रही थी.


सीसीटीवी में शरीफुल को सुबह 3.37 बजे भारती विला से निकलते हुए देखा गया. इसके बाद सुबह 7.04 बजे वह बांद्रा पश्चिम स्थित पटवर्धन गार्डन में पहुंचे और फिर बांद्रा स्टेशन से दादर के लिए लोकल ट्रेन ली. पुलिस ने कई सीसीटीवी फुटेज देखीं, जिनमें से 6 सीसीटीवी को खास माना गया है और उनका जिक्र चार्जशीट में किया गया है. 

आरोपपत्र में यह भी कहा गया है कि 15 जनवरी को शाम 5 बजे से 6:45 बजे के बीच शरीफुल को सतगुरु शरण, भारती विला और नेक्स्ट एवेन्यू के पास की इमारतों के सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था. ऐसा माना जा रहा है कि वह अपराध स्थल की टोह ले रहा था. फुटेज में शरीफुल को ऊपरी मंजिलों और फ्लैट की ओर देखते हुए देखा गया. पुलिस ने इस मामले में 48 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें सैफ अली खान और उनकी पत्नी करीना कपूर खान भी शामिल हैं.

चार्जशीट के मुताबिक सैफ ने पुलिस को बताया, `उस दिन मैंने अपने बेटों के साथ शाम को साढ़े सात बजे खाना खाया.` रात दस बजे मैं अपने शयन कक्ष में चला गया. मेरी पत्नी काम से रात डेढ़ बजे घर आयी. जब हम सो रहे थे, रात करीब दो बजे जेहना की नानी हमारे बेडरूम के दरवाजे पर आईं और घबराते हुए कहा कि एक आदमी चप्पू लेकर जेहना के कमरे में घुस आया है. इसके बाद सैफ और आरोपी शरीफुल के बीच हाथापाई शुरू हो गई. सैफ ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उसे सामने से पकड़ लिया और फिर दोनों हाथों में चप्पू पकड़कर उसकी गर्दन, पीठ, हाथ, छाती और पैरों पर वार करना शुरू कर दिया.

नैनी गीता ने जब आरोपी को पकड़ने की कोशिश की तो उन पर भी हमला कर दिया गया. सैफ ने आरोपी को धक्का दिया, जिससे वह गिर गया. तभी सैफ और गीता कमरे से बाहर आ गए और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया. बाद में जब उन्होंने आरोपी की तलाश की तो वह नहीं मिला. पुलिस के अनुसार, आरोपी घर से उसी रास्ते से निकला जिस रास्ते से वह अंदर आया था, जेह के कमरे के बाथरूम से.

पुलिस को दिए अपने बयान में करीना ने कहा कि जब वह और सैफ जेह के कमरे में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि काली टी-शर्ट पहने एक व्यक्ति उनके बेटे के बिस्तर के पास खड़ा था. जब आरोपी ने उस पर हमला किया तो सैफ ने उससे पूछा कि वह कौन है और क्या चाहता है. हमले को रोकने के लिए सैफ ने आरोपी को पकड़ लिया, लेकिन वह चाकू से हमला करता रहा. करीना ने कहा, “फिर मैंने केयरटेकर से जेह को कमरे से बाहर ले जाने के लिए कहा. इसके बाद करीना, केयरटेकर और जेह 12वीं मंजिल पर चले गए. कुछ मिनट बाद सैफ खून से सना कुर्ता पहने हुए वहां पहुंचा. 

करीना ने देखा कि सैफ आरोपी पर हमला करने के लिए कुछ ढूंढ रहा था, लेकिन उसने सैफ को तुरंत अस्पताल जाने का सुझाव दिया क्योंकि वह गंभीर रूप से घायल था. तैमूर ने जिद की कि वह भी सैफ के साथ अस्पताल जाएगा. इसके बाद स्टाफ सदस्य हरि और तैमूर सैफ के साथ ऑटो रिक्शा से बांद्रा स्थित लीलावती अस्पताल पहुंचे. आरोपपत्र में इमारत के चौकीदार सुरेश कुमार यादव का बयान भी शामिल है, जिसने पुलिस को बताया कि उसने सबसे पहले रात करीब 2:30 बजे हंगामा सुना, जब खान परिवार और उनके कर्मचारी भूतल पर आए और उन्होंने सैफ को घायल अवस्था में पड़ा देखा. 

अपराध स्थल से पुलिस ने आरोपियों के 29 रक्त के नमूने और 20 फिंगरप्रिंट एकत्र किए, जिनमें आठवीं मंजिल पर लकड़ी के दरवाजे पर पाया गया बाएं हाथ का निशान भी शामिल है. परिसर में प्रवेश करने के बाद आरोपी पाइप की मदद से पहली मंजिल पर चढ़ गया और फिर सीढ़ियों का उपयोग करके 11वीं मंजिल पर पहुंच गया. उसने चोरी करने के लिए हर मंजिल के दरवाजे खोलने की कोशिश की और आखिरकार खान परिवार के डुप्लेक्स फ्लैट (11वीं और 12वीं मंजिल) तक पहुंच गया.

पुलिस ने कुल 73 वस्तुएं जब्त की हैं. आरोपी की टी-शर्ट पर सैफ का खून मिला, जबकि हमले में इस्तेमाल चाकुओं पर बच्चों की नानी का खून मिला. दोनों के डीएनए नमूने मेल खा गए हैं. इसके अतिरिक्त, आरोपी द्वारा खून पोंछने के लिए इस्तेमाल किया गया टिशू भी लिफ्ट के पास पाया गया, जिस पर खून के धब्बे थे और वह भी रिपोर्ट से मेल खाता है. पुलिस ने आरोपी का बांग्लादेशी मतदाता पहचान पत्र और बंगाली में लिखे अन्य दस्तावेज भी जब्त कर लिए हैं. 

जांच के दौरान, आरोपी की पहचान मोहम्मद शरीफुल सज्जाद रुहुल अमीन फकीर (उम्र 30 वर्ष) के रूप में हुई, जो ग्राम राजबरिया, जिलोकाठी, बरिशाल राज्य, बांग्लादेश का निवासी है.आरोपी ने हमले से पहले 12 घंटे तक सैफ अली खान के खार पश्चिम स्थित सद्गुरु अपार्टमेंट की टोह ली थी. शरीफुल इस्लाम को नहीं पता था कि सैफ का घर यहीं है. 

वह एक अमीर आदमी के घर में घुसकर उसे लूटना चाहता था. फिल्म अभिनेता सैफ अली खान पर हमला मामले में पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र में अहम खुलासे हुए हैं. आरोपपत्र में ऑटो चालक धनंजय चैनी का बयान दर्ज किया गया है, जिसने कहा है कि उसने हमले से 12 घंटे पहले आरोपी शरीफुल फकीर को सैफ अली खान के आवास `सतगुरु शरण` के पास छोड़ा था.

ऑटो चालक ने पुलिस को बताया कि उसे शरीफुल की याद इसलिए आई क्योंकि बांद्रा स्टेशन से फॉर्च्यून हाइट्स तक का किराया 23 रुपये था, लेकिन आरोपी ने उसे 50 रुपये दिए और बाकी पैसे वापस नहीं मांगे. जिस जगह आरोपी उत्तरा थी वह अभिनेता सैफ अली खान के घर से सिर्फ 78 मीटर दूर था.पुलिस ने घटना से संबंधित कई सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिए हैं. 

एक फुटेज में शरीफुल 15 जनवरी को दोपहर एक बजे फॉर्च्यून हाइट्स के पास उतरते हुए दिखाई दे रहा है. इसके बाद वह इलाके में घूमते और सद्गुरु शरण बिल्डिंग में घुसते हुए भी कैमरे में कैद हुआ. 16 जनवरी की रात को उन्हें 1:37 बजे सीढ़ियां चढ़ते और 2:37 बजे उतरते देखा गया.  पुलिस के मुताबिक, शरीफुल ने 15 जनवरी को दोपहर 3 बजे से शाम 6:45 बजे तक इलाके की टोह ली. इसके बाद उसने उसी रात सतगुरु शरण भवन को निशाना बनाया. 16 जनवरी को सुबह 3:37 बजे आरोपी को सतगुरु शरण के बगल की दीवार फांदकर भारती विला बिल्डिंग परिसर से भागते हुए देखा गया.

शरीफुल इस्लाम ने पूछताछ के दौरान चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने स्वीकार किया कि उसने भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए अपराध का रास्ता चुना. आरोपपत्र के अनुसार, आरोपी का उद्देश्य धन एकत्र करना और आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट बनाना था. पूछताछ के दौरान शरीफुल ने बताया कि उसके एक सहयोगी ने इन दस्तावेजों का इंतजाम करने के लिए 30,000 रुपये की मांग की थी. 

भारत में प्रवेश का शरीफ़ुल का मुख्य उद्देश्य भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करना था, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेशी पासपोर्ट से बेहतर माना जाता है, विशेष रूप से कार्य वीज़ा प्राप्त करने के लिए. आरोपपत्र के अनुसार, शरीफुल शहजाद ने पुलिस को यह भी बताया कि उसने बड़ी मात्रा में धन की लूट सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्थित रूप से उन आवासीय भवनों को निशाना बनाया जहां अमीर लोग रहते थे. आरोपी की मंशा तब उजागर हुई जब उसे ठाणे के हीरानंदानी एस्टेट से गिरफ्तार किया गया.

यह मामला केवल हमलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इन अवैध लोगों को नागरिकता दिलाने के लिए चल रहे एक संगठित रैकेट की भी झलक प्रदान करता है. जांच अधिकारी अजय लिंगानुरकर के अनुसार, आरोपियों ने भारत में प्रवेश करने से लेकर दस्तावेज प्राप्त करने तक की पूरी प्रक्रिया के लिए दलालों के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया.

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