Updated on: 16 December, 2024 08:24 AM IST | Mumbai
विश्व प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया.
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विश्व प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया. वे हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और उन्हें पहले हृदय में ब्लॉकेज के कारण स्टेंट भी लगाया गया था. उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था. वे भारतीय शास्त्रीय संगीत के सर्वश्रेष्ठ तबला वादकों में से एक थे. उनके पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी भी विश्वविख्यात तबला वादक थे, जिन्होंने अपने पुत्र को प्रारंभिक संगीत शिक्षा दी. उनकी मां का नाम बीवी बेगम था.
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उस्ताद जाकिर हुसैन को भारतीय संगीत में उनके अतुलनीय योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी ख्याति कम नहीं थी. उन्हें तीन ग्रैमी पुरस्कार प्राप्त हुए, जो उनके संगीत के वैश्विक प्रभाव को दर्शाते हैं.
उस्ताद जाकिर हुसैन का संगीत सफर अद्वितीय रहा. वे भारतीय शास्त्रीय संगीत के अलावा विश्व संगीत, जैज़ और फ्यूज़न में भी समान रूप से प्रसिद्ध थे. उन्होंने `शक्ति` बैंड के माध्यम से भारतीय और पश्चिमी संगीत के फ्यूज़न को एक नया आयाम दिया. उनके संगीत कार्यक्रमों ने उन्हें एक वैश्विक हस्ती बना दिया.
उस्ताद जाकिर हुसैन का योगदान केवल भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने दुनिया के हर कोने में भारतीय शास्त्रीय संगीत की ध्वनि पहुंचाई. उनकी शैली, अद्वितीय तबला वादन और संगीत में नवीन प्रयोगों ने उन्हें अमर बना दिया. उनके निधन से संगीत जगत में एक युग का अंत हो गया है. उनकी स्मृति और संगीत धरोहर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.
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