Updated on: 03 September, 2024 07:40 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
दरअसल, आईसी 814-द कंधार हाईजैक में आतंकियों के हिंदू नामों पर विवाद हुआ था और इन्हें प्रतिबंधित करने की मांग की गई थी.
छवि सौजन्य: मिड-डे
नेटफ्लिक्स ने मंगलवार, 3 सितंबर को विवादास्पद सीरीज आईसी 814 - द कंधार हाईजैक में बदलाव किए हैं. अब अपहरणकर्ताओं का असली और कोड नाम केवल सीरीज़ के शुरुआती डिस्क्लेमर में दिखाई देगा. दरअसल, आईसी 814-द कंधार हाईजैक में आतंकियों के हिंदू नामों पर विवाद हुआ था और इन्हें प्रतिबंधित करने की मांग की गई थी. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स को नोटिस भेजकर इस पर स्पष्टीकरण मांगा है. इसके बाद नेटफ्लिक्स की इंडिया कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल आज मंत्रालय पहुंचीं.
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सीरीज में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट को हाईजैक करने वाले आतंकियों को पूरी घटना के दौरान अपने असली नामों की जगह बर्गर, चीफ, शंकर और भोला जैसे कोड नामों का इस्तेमाल करते देखा गया था. सोशल मीडिया पर लोगों ने ``IC 814`` में अपहर्ताओं के हिंदू नामों पर आपत्ति जताई. आरोप है कि यह आतंकियों के असली नाम छिपाने की कोशिश है. आईसी 814 (आईसी 814: द कंधार हाईजैक) सीरीज 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी.
नेटफ्लिक्स ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हम सीरीज के दर्शकों के लिए शुरुआती डिस्क्लेमर में किडनैपर्स के वास्तविक और कोड नाम शामिल करेंगे. श्रृंखला में वर्तमान में कोड नाम वास्तविक घटना के दौरान उपयोग किए गए नाम हैं. हम हर कहानी की मौलिक प्रस्तुति के लिए प्रतिबद्ध हैं.” सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 2 सितंबर को कहा था, ``किसी को भी देश के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है. भारत की संस्कृति और सभ्यता का सम्मान सदैव सर्वोपरि है. आपको कुछ भी गलत दिखाने से पहले सोचना चाहिए. सरकार इस संबंध में बहुत सख्त है.”
इस सीरीज की कहानी 24 दिसंबर 1999 की सच्ची घटना पर आधारित है. काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से नई दिल्ली जाते समय पांच आतंकवादियों ने इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी 814 का अपहरण कर लिया. जिसमें 176 यात्री सफर कर रहे थे. आतंकी विमान को अमृतसर, लाहौर, दुबई होते हुए कंधार ले जाते हैं. यात्रियों को सात दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान विमान के अंदर यात्रियों की क्या स्थिति है? उनके परिवारों का क्या होगा? इन यात्रियों को रिहा करने के लिए सरकार के सामने क्या शर्त रखी गई है? ये सब इस सीरीज में दिखाया गया है.
इस सीरीज की कहानी वरिष्ठ पत्रकार सृंजय चौधरी और देवी शरण की किताब ``फ्लाइट इन टू फियर - द कैप्टन स्टोरी`` से ली गई है. सीरीज का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है. 6 एपिसोड की इस सीरीज में नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, विजय वर्मा, दीया मिर्जा, पत्रलेखा, अरविंद स्वामी और कुमुद मिश्रा मुख्य भूमिका में हैं.
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