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अयोध्या न जा पाने वाले भक्तों के लिए बना विकल्प, विशाखापट्टनम में श्रीराम मंदिर की भव्य प्रतिकृति तैयार

Updated on: 16 June, 2025 10:58 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

Visakhapatnam Ram Mandir: विशाखापट्टनम में अयोध्या राम मंदिर की 91 फुट ऊंची प्रतिकृति बनाई गई है, जहां बड़ी संख्या में भक्त पूजा-अर्चना के लिए जुट रहे हैं.

X/Pics

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विशाखापट्टनम में भगवान श्रीराम के प्रति आस्था और श्रद्धा का अनूठा दृश्य देखने को मिल रहा है. यहां एक 91 फुट ऊंची अयोध्या राम मंदिर की भव्य प्रतिकृति बनाई गई है, जो इन दिनों भक्तों के लिए पूजन और दर्शन का प्रमुख केंद्र बन गई है. इस मंदिर की प्रतिकृति न केवल स्थापत्य की दृष्टि से आकर्षक है, बल्कि आध्यात्मिक भावनाओं से भी ओतप्रोत है.

सैकड़ों की संख्या में भक्त प्रतिदिन इस मंदिर प्रतिकृति में आकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. यह प्रतिकृति उन श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है, जो किसी कारणवश उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या के वास्तविक राम मंदिर में नहीं जा सकते.


 



 

एक स्थानीय पुजारी ने ANI से बातचीत में कहा, "यहां भी अयोध्या जैसा ही मंदिर बनाया गया है. जो भक्त अयोध्या नहीं जा सकते, वे यहां आकर उसी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा कर सकते हैं. यह केवल एक मंदिर की प्रतिकृति नहीं, बल्कि भक्तों की भावना और उनकी आस्था का प्रतीक है."

प्रतिमा के निर्माण में स्थानीय कारीगरों और कलाकारों ने महीनों तक लगातार परिश्रम किया. मंदिर की ऊंचाई और डिजाइन पूरी तरह से अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्रेरणा से तैयार की गई है. इसमें गर्भगृह, मुख्य द्वार, और राम दरबार जैसी प्रमुख संरचनाओं को भी दर्शाया गया है.

भक्तों के अनुसार, यह स्थान अब एक नया तीर्थ बनता जा रहा है. यहां नित्य आरती, भजन संध्या, और धार्मिक प्रवचन आयोजित किए जा रहे हैं. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर आयु वर्ग के लोग इस मंदिर प्रतिकृति के दर्शन के लिए आ रहे हैं.

 

 

स्थानीय प्रशासन और आयोजकों ने मंदिर परिसर में सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा है. पार्किंग, पेयजल, और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो.

विशाखापट्टनम का यह पहल श्रद्धालुओं के लिए न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बन रही है, बल्कि यह पूरे भारत में राम भक्ति की भावना को और अधिक सुदृढ़ कर रही है. आयोजकों का कहना है कि भविष्य में इसे स्थायी रूप से धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां साल भर धार्मिक गतिविधियाँ आयोजित होती रहेंगी.

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