होम > लाइफस्टाइल > धर्म > आर्टिकल > बेल पत्र है भगवान शिव को प्रिय, आस्था और परंपरा की अद्भुत कहानी यहां पढ़े

बेल पत्र है भगवान शिव को प्रिय, आस्था और परंपरा की अद्भुत कहानी यहां पढ़े

Updated on: 18 January, 2025 10:46 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

बेल पत्र भगवान शिव को अति प्रिय माना जाता है और इसका हिंदू धर्म में गहरा धार्मिक और पौराणिक महत्व है. यह पवित्र पत्ता शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है और इसे शीतलता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है.

X/Pics

X/Pics

बेल पत्र, जो हिंदू धर्म में भगवान शिव को चढ़ाया जाने वाला सबसे पवित्र पत्ता माना जाता है, के पीछे एक अनोखी और दिलचस्प कहानी छिपी हुई है. शिव पूजन में इसे चढ़ाने का महत्व सिर्फ धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, पौराणिक कथाओं और प्रकृति से जुड़े हमारे रिश्ते का भी प्रतीक है.

पौराणिक मान्यता


पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष प्रकट हुआ, तो भगवान शिव ने संसार को बचाने के लिए इसे अपने कंठ में धारण कर लिया. विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए बेल पत्र अर्पित किया. माना जाता है कि बेल पत्र की पवित्रता और उसकी ठंडक भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. तभी से शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई.


बेल पत्र को त्रिदल (तीन पत्तियों वाला) माना जाता है, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है. साथ ही, यह शरीर, मन और आत्मा को भी दर्शाता है. शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके सभी दोषों का निवारण होता है.

वैज्ञानिक पहलू


बेल पत्र न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं. बेल पत्र में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो वातावरण को शुद्ध करते हैं और मानसिक शांति प्रदान करते हैं. इसका उपयोग आयुर्वेद में पेट की समस्याओं, डायबिटीज और रक्त शुद्धि के लिए भी किया जाता है.

आज भी, शिवालयों में भक्त बेल पत्र चढ़ाकर अपनी भक्ति प्रकट करते हैं. खासतौर पर सावन के महीने में शिव भक्तों की लंबी कतारें बेल पत्र चढ़ाने के लिए देखी जाती हैं. इतना ही नहीं, बेल वृक्ष को भी पवित्र माना जाता है और इसे घर में लगाना शुभ फलदायी समझा जाता है.

बेल पत्र सिर्फ एक पत्ता नहीं, बल्कि हमारी आस्था, प्रकृति और परंपरा का संगम है. यह हमें सिखाता है कि कैसे छोटी-छोटी चीजें भी हमारे जीवन में बड़ी सकारात्मकता ला सकती हैं.

इस पवित्र पत्ते की कहानी यह बताती है कि भारतीय संस्कृति और परंपरा न केवल आध्यात्मिक हैं, बल्कि प्रकृति के साथ गहरे संबंधों का भी संदेश देती हैं. बेल पत्र, सचमुच, शिव की भक्ति का एक अनमोल प्रतीक है.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK